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Samarpan / समर्पण

Author Name: Kanika Priti Shri Verma | Format: Paperback | Genre : Poetry | Other Details

एक सामान्य व्यक्ति द्वंद्व के दायरे में रहता है, परन्तु एक ब्रह्मज्ञानी संत ब्रह्मांड के सभी द्वंद्वों से ऊपर हैं और पूरी तरह से एक अद्वैत सर्वोच्च चेतना में स्थापित है। सब उनके हैं और वह सबके हैं। यही ब्रह्मज्ञानी संत की पूर्ण अनुभूति है। ब्रह्मज्ञानी गुरु का महत्व इतना अधिक है कि जब भगवान राम पृथ्वी पर अवतरित हुए, तब उन्होंने भी गुरु वशिष्ठ जी के श्री चरणों की सेवा करके सच्चा ज्ञान प्राप्त किया। जब गुरु के बिना भौतिक ज्ञान संभव नहीं है, तो आत्मा का ज्ञान जो की सर्वोच्च है, वह बिन गुरु  कैसे संभव है?

यह एक कविता का संग्रह है जो ब्रह्मज्ञानी गुरुदेव पूज्य संत श्री आशारामजी बापू के पवित्र चरणों में समर्पित है। यह कविताओं का संग्रह पूज्य बापूजी के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करता है, जिन्होंने दिन रात दयालुतापूर्वक अपनी परवाह किये बिना ही उस दिव्य पवित्र प्रेम को दुनिया में बांटा, लाखों सामान्य लोगों के जीवन को बदल दिया और कलि के इस अंधेरे युग में उन्हें जीवन जीने का अलौकिक मार्गदर्शन दिया। 

यह किताब पूज्य बापूजी के शुद्ध प्रेम और शक्ति का प्रमाण है। यह हम सभी की आत्म-खोज और आध्यात्मिक विकास की यात्रा पर मार्गदर्शक है। 

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कनिका प्रीति श्री वर्मा

कनिका मुख्य रूप से बच्चों की किताबों की लेखिका और एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर भी हैं।
कनिका अपनी मातृभूमि भारत और  भारत  की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर का सम्मान करती हैं। उनका मानना है की भारतीय संस्कृति आंतरिक शक्ति को  विकास करने का एक महान प्रेरणा स्त्रोत है । उनकी किताबों का उद्देश्य उन प्रेरणाओं को उजागर करने के साथ-साथ प्रत्येक बच्चे की विशिष्टता को अपनाना भी है, जो युवाओं को एक बेहतर मार्गदर्शन देने में सक्षम है|

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