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"It was a wonderful experience interacting with you and appreciate the way you have planned and executed the whole publication process within the agreed timelines.”
Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palकुछ खास बातें
रोचकता, निरंतरता, जीवंतता, किसी भी उपन्यास को सुरुचि पूर्ण बनाने में सहायक है। अपने पहले उपन्यास सरल में मेरा यही प्रयत्न रहा है कि कहानी के प्रति पाठकों की रोचकता को अंत तक बनाए रख सकूं। तीन पीढियां के दृष्टिकोण को सरल शब्दों में रोचकता के साथ एक उपन्यास में समाहित करने का मेरा प्रयत्न रहा है। इस उपन्यास के जरिए मैंने अपने पाठकों को यही संदेश देना चाहा है की वह अपने जीवन की जटिलताओं को दूर कर नई शुरुआत के लिए प्रेरित रहें।
नम्रता निगम
लेखक के विषय में
नम्रता लोगों की भावनाओं को सीखने और उन्हें शब्दों में अनुवादित करने के प्रति उत्साहित है। हालाँकि उन्होंने अपने व्यवसायिक जीवन का आरम्भ भारत के सबसे प्रमुख प्रौद्योगिकी संस्थानों में से एक - BIT मेसरा - से कंप्यूटर में डिग्री ले कर की। इसके बाद उन्होंने शिक्षा क्षेत्र में काम किया जहाँ उन्होंने स्वयं को लेखन में पूरी तरह से समर्पित किया। तदोपरांत, उन्होंने अपने परिवार की प्रति स्वयं को उत्साहपूर्वक समर्पित किया| लेकिन मानव भावनाओं के सभी रूपों के प्रति उनकी गहरी रुचि हमेशा जगी रही। इस परिणामस्वरूप, उन्होंने मानव पक्ष के बारे में काफी कुछ सीखा है और अपनी अवलोकनों को कविताओं और कल्पनाओं के साथ व्यक्त किया है। उनकी कविताएँ नियमित रूप से प्रमुख भारतीय दैनिक में प्रकाशित होती हैं।
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