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"It was a wonderful experience interacting with you and appreciate the way you have planned and executed the whole publication process within the agreed timelines.”
Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palप्रस्तुत काव्य संकलन 18 कवितों का लघु संग्रह है जिसमें विशेष रूप से नारी के विवाह के समय एवं विवाह उपरांत मन में आने वाले भावों को प्रस्तुत किया है। आज भी हमारे समाज के अनेक घरों में नारी के मन की स्तिथि विवाह से पूर्व एवं विवाह पश्चात विभिन्न होती है जिसे नारी कुशलतापूर्वक स्वीकार तो कर लेती है परंतु मन में कहीं कसक रह जाती है कि काश “जैसा विचार किया था, वैसा हो पाता।”प्रस्तुत संग्रह में हृदय में आने वाले इन्ही विचारों को कविता के रूप में उतारने का प्रयास किया है।
डॉ.ऋचा गर्ग
प्रस्तुत काव्य संकलन की लेखिका डॉ. ऋचा गर्ग पेशे से कॉस्मेटोलॉजिस्ट एवं लैब मेडिसन विशेषज्ञा हैं। डॉ.ऋचा गर्ग का जन्म १९८२ में मेरठ में हुआ। आपने प्रारंभिक शिक्षा मेरठ से प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण की। एम.बी.बी.एस. गोरखपुर से व डी.एन.बी. दिल्ली से किया। पी.जी.डी.सी.सी (कास्मेटोलॉजी) जर्मनी से किया। वर्तमान में आप यू.पी.(भारत) में ख़ुद का अस्तपताल चलातीं हैं।
हिंदी साहित्य में आपकी गहरी रूचि है। आप अपनी कुछ कवितायें मंच पर बोल चुकी हैं एवं आपकी कविताएँ पत्रिकाओं में भी प्रकाशित हो चुकी हैं I
कविताएँ संकलन के अतीरिक्त आपकी चित्रकला में भी विशेष रूचि है जिसके लिये आपको अनेक पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है।
हिंदी साहित्य में आपकी गहरी रूचि है। आप अपनी कुछ कवितायें मंच पर बोल चुकी हैं एवं आपकी कविताएँ पत्रिकाओं में भी प्रकाशित हो चुकी हैं I
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