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Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palहर देश के सैनिक उस देश की शान होते हैं। यह देश के रक्षक होते हैं जो सरहद पर रहकर देश की रक्षा करते हैं। इनमें देशभक्ति कूट-कूट कर भरी होती है और यह अपनी मातृभूमि को सबसे ज्यादा प्यार करते हैं। सैनिक देश की रक्षा के लिए अपने प्राण तक न्यौछावर कर देते हैं। सैनिक देश और देश की रक्षा के लिए नहीं रेगिस्तान की तपती धरती देखते हैं और न हीं पहाड़ो की सर्दी देखते हैं। वे खराब से खराब हालात में भी सरहद पर चौकन्ना होकर खड़े रहते हैं। सैनिक त्योहारों पर भी अपने घर नहीं जा पाते हैं। उनके लिए सभी देशवासी उनके परिवार हैं। हम सभी लोग बिना किसी चिंता के खुशहाली से अपना जीवन सिर्फ सैनिकों की वजह से जी रहे हैं। हम सब जानते हैं कि सैनिक बाहरी मुसीबतों को हम तक आने से पहले ही रोक देते हैं। वह दुश्मनों का डटकर मुकाबला करते हैं और अपनी अंतिम श्वास तक उनका हिम्मत से सामना करते हैं। सैनिक त्योरारों के दिनों में और भी ज्यादा चौकन्ना हो जाते हैं और सावधानीपूर्वक खड़े रहते हैं। देश के अंदर भी जब कोई बड़ी मुसीबत आती है तो सैनिकों को ही बुलाया जाता है। देश की सुरक्षा में सैनिकों का महत्वपूर्ण योगदान है।
काव्यम
सैनिकों का जीवन बहुत ही कष्टदायक होता है और वह अपने लिए नहीं बल्कि देश के लिए जीते हैं और खुशी-खुशी अपनी मातृभूमि के लिए प्राण भी त्याग देते हैं। सैनिक सबसे ज्यादा सम्मान के पात्र है और इनके परिवार वालों को भी सभी सुख सुविधाएँ दी जानी चाहिए जो हमेशा अपने परिवार की सदस्य की राह देखते रहते हैं। सैनिकों का जीवन हर समय खतरे से घिरा रहता है और मौत कहीं से भी सामने आ सकती है लेकिन सैनिकों में बिल्कुल भी डर नहीं होता बल्कि वह गर्व से मातृभूमि की रक्षा करते हुए शहीद होने को अपना सौभाग्य मानते हैं।
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