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Shabd Maala (Part-4) / शब्द माला (भाग-4)

Author Name: Man Singh Negi | Format: Paperback | Genre : Literature & Fiction | Other Details
वार्तालाप करने का सबसे अच्छा माध्यम है, शब्द. इनकी शुरुआत कैसे और कब हुई यह कह पाना हमारे लिए संभव नहीं है? हां हम इतना अवश्य कह सकते हैं. शब्द हमारे अपने व्यवहार के ऊपर निर्भर होते है. उन्हें कहाँ कब इस्तेमाल करना है. जिसे यह आ गया वह शब्दो का बाजीगर कहलायेगा. शब्द चितेरा कहलाएगा. जहां शब्द मरहम है, वही शब्द तलवार भी है. जहां शब्द पुष्प है, वही शब्द शूल भी है. शब्द समझ में आए तो अर्थ है, वरना सब व्यर्थ है. शब्द ऐसे होने चाहिए जो कानों में मिश्री घोल दे. जुबा में मिठास भर दे. जो दूसरों के दुख को कम कर दे. कहा भी गया है ऐसी वाणी बोलिए मन का आपा खोए औरों को शीतल करे आपु शीतल होए. शब्द हंसा देते हैं शब्द रुला देते हैं. शब्द मान जाते है, शब्द रूठ जाते है. कभी इन्हें हँस कर मना लिया करो. कभी नजरअंदाज करके मान जाया करो. व्यक्ति के व्यवहार को दर्शाते हैं ये खट्टे मीठे शब्द. शब्द को कोई स्पर्श नहीं कर सकता शब्द सब को स्पर्श करते हैं. इन खट्टे मीठे शब्दों को एक रूप में पिरो कर आप सबके लिए प्रेम पूर्वक शब्द माला मनोहर कहानियों से भरपूर पुस्तक की रचना की है. लेखक मान सिँह नेगी
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मान सिंह नेगी

मान सिँह नेगी, उम्र 52 वर्ष,स्नातक बी ए हिंदी आनर्स, उत्तम नगर नई दिल्ली-110059, उतराखंड का निवासी. दिल्ली मे हीं जन्म, पढ़ाई लिखाई, विवाह हरिद्वार उतराखंड से. लिखने के शोक के कारण डाक्टर मान सिँह नेगी लिखता हू. पत्नी का नाम पुष्पा नेगी दो बच्चे बड़ा बेटा सौरभ नेगी, प्रबंधक छोटे बेटे गौरव नेगी ने बी.काम किया है स्वर्गीय पिताजी नन्दन सिँह माता जी लक्ष्मी देवी
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