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SHABDON KI AAKRTIYAN / शब्दों की आकृतियां

Author Name: RAJESHWAR SINGH RAJU | Format: Paperback | Genre : Poetry | Other Details

यह सत्य है कि पहले एक ख्याल दिल पर दस्तक देता है । फिर दिल को शब्दों की तलाश रहती है। जब शब्द मिल जाएं तो वह ख्याल शब्दों की आकृति में परिवर्तित होकर साहित्य की किसी एक विधा का हिस्सा बन जाता है। ' शब्दों की आकृतियां ' कविता संग्रह भी अपने मन में उपजे हुए ख्यालों को शब्दों में बांधकर आकृतियों का रूप देने का प्रयास  है। यह हिंदी कविताओं का एक संग्रह है जो जीवन के विभिन्न पहलुओं को समेटे हुए है। कविता प्रेमियों से सरल तरीके से जुड़ने और उन्हें इसमें मौजूद सामग्री का आनंद लेने का प्रयास किया गया है क्योंकि यह हम सभी से जुड़ी हुई है। अगर इसमें कल्पना की उड़ान है तो यह जीवन की कठोर वास्तविकताओं के बारे में भी बात करती है। यह बस जीवन के बेहतर पहलुओं की ओर एक यात्रा है जिसमें विषमताओं का भी सामना करना पड़ता है। शब्द अलग-अलग भावनाओं को आकार देते हैं जो हम अपने जीवन के विभिन्न चरणों में अनुभव करते हैं। उम्मीद है कि हर बार की तरह इस बार भी आपको मेरा यह प्रयास अच्छा लगेगा और आपका स्नेह निरंतर प्राप्त होता रहेगा।

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राजेश्वर सिंह राजू

राजेश्वर सिंह 'राजू' पिछले 32 वर्षों से हिंदी, डोगरी और अंग्रेजी भाषाओं में लिख रहे हैं।  उनके द्वारा लिखे गए लगभग 1000 लेख, 100 लघु कथाएँ और 500 कविताएँ विभिन्न प्रमुख समाचार पत्रों और पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुकी हैं।
उन्होंने 15  नाटक रंगमंच के लिए भी लिखे हैं जिनमें से अधिकांश डोगरी में हैं जिनका मंचन प्रमुख  रंगमंच संस्थाओं द्वारा किया गया है।
उनके द्वारा लिखे गए लगभग 35 नाटकों और 05 धारावाहिकों का प्रसारण आकाशवाणी जम्मू से किया गया है और लगभग 20 नाटकों, 10 धारावाहिकों और 100 से अधिक वृत्तचित्रों का प्रसारण  दूरदर्शन केंद्र जम्मू, श्रीनगर और कशिर से किया गया है।  
उनकी लिखी हुई 24 पुस्तकें प्रकाशित हैं , जिनमें 08 उनकी मातृभाषा डोगरी में , 11 हिंदी में और 04 अंग्रेजी भाषा में हैं।  इन 23 पुस्तकों में से 06 कविता संग्रह हैं ,  08  कहानी, 09 संग्रह और कला और संस्कृति और एक अंग्रेजी से अनूदित असम के वीर बहादुर लचित बर्फुकन पर हैं। उन्हें साहित्य अकादमी नई दिल्ली द्वारा प्रतिष्ठित बाल साहित्य पुरस्कार-2022, साहित्य के लिए जम्मू-कश्मीर राज्य पुरस्कार-2023, द्वितीय प्रो रामनाथ शास्त्री मेमोरियल पुरस्कार और समय-समय पर कई अन्य संस्थाओं द्वारा साहित्य में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए सम्मानित किया गया है।
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