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Sheelaye Bolthi Hai / शिलाएँ बोलती हैं गजल करले फतह दिल, रश्क तलवारों को हो जाए महामारी कोई, नफरत की दीवारों को हो जाए/ Ghazal karle fathah dil, rashak talwaro ko ho jaye mahamari koi, nafrat ki diwaro ko ho jaye

Author Name: Shubh Chintan | Format: Paperback | Genre : Poetry | Other Details

ग़ज़लों में हिन्दी का ज़्यादा से ज़्यादा समावेश कर उन्हें और हिंदुस्तानी और सरल क्यों
ना बनाएँ I इस संग्रह में यही प्रयास कि या है I आज़ा दी का अमृत महोत्सव भी चल रहा
है I कु छ ग़ज़लें / गीत ‘हिन्द’ को समर्पित हैं I

बीज बोए हैं रोशनी के यहाँ
कल का सूरज यही से नि कलेगा
पंछियों,आसमान एक नया
हिन्द की सरजमी से निकलेगा
…………………………………………..

संदेश देवताओं का ले
जग में हरकारा जाता है
कतरा आता है भारत में
बन कर जलधारा जाता है
पृथ्वी पर भारत दीखे, नभ से
टूट सितारा जाता है 
…………………………………………..

अगर पत्थर भी आएँगे तो धड़कन ले के जाएँगे
यहाँ तामीर - ए - दि ल का सभी सामान बनता है

सिमट तो गई है ये दुनिया मगर बिखरे हैं सब कुनबे
कोई ये हिंद से सीखे, कै से ख़ानदान बनता है

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शुभ चिंतन

लेखक (born 1968) IRS (1993) अधि कारी हैं I लेखक ने इंजीनि यरिंग की शि क्षा AMU और IIT दि ल्ली से प्राप्त की । लेखक को उत्कृ ष्ट लोक सेवाओं के लि ये गणतंत्र दि वस, 2014 के अवसर पर भारत के राष्ट्र पति द्वारा और कस्टम्स में उनकी विशि ष्ट सेवाओं के लि ये World Customs Organization (WCO) द्वारा प्रशस्ति पत्र से सम्मानि त कि या जा चुका है । लेखक की हिन्दी ग़ज़लों और गीतों का यह नौवां संग्रह है I

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