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Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palकृपा सिंधु भगवान श्री राम को मुगलों ने कर दिया था विस्थापित। बना डाली थी मस्जिद ।बहुत मशक्कत से पुन: जन्म भूमि हासिल और उस पर मंदिर निर्माण से, दुनिया में खुशियों की लहर।वही खुशी का झलक पुस्तक में,पढ़ने से अनुभूति होगी। कुछ हमारे हृदय में रहने वाली तारणहार भगवान श्री कृष्ण का भी वर्णन है। जब भी पाठक पढ़ेंगे राम लला की प्राण प्रतिष्ठा से जो खुशी जनता में छाई थी। थोड़ा अंश उसकी एहसास होगी।
भानु देवी
मेरा नाम भानु प्रिया देवी है। स्कूल का नाम भानु कुमारी। जन्म स्थान नाना घर बांक (घोरमारा) जिला देवघर,राज्य झारखंड। हाई स्कूल की शिक्षा नाना घर से स्कूल का नाम उच्च विद्यालय घोरमारा। हाई स्कूल नजदीक रहने के कारण नाना घर से पढ़ाई की। मां की भी तमन्ना थी। जन्मतिथि 13 मई 1963।
पिताजी का घर माल भंडारो। जिला दुमका, राज्य झारखंड पिताजी का नाम स्वर्गीय भुवनेश्वर मंडल सरकारी शिक्षक थे माता श्री का नाम श्रीमती इंदु देवी। चाचा श्री सरजू प्रसाद मंडल, सरकारी शिक्षक थे,हमारी निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका। घर की सबसे बड़ी बेटी प्रेम पूर्वक लालन-पालन। हम भरी-पूरी परिवार में पले-बड़े हैं ,घर,गांव पूरा परिवार का प्रेम मिला। बचपन से ही हमें नदी,तालाब पहाड़,झरना,वन,खेत,खलियान अत्यधिक पसंद।तालाब,नदी खलियान में अत्यधिक उछल-कूद मचाती थी। हमें बहुत खुशी की खेलने के लिए हमें प्रकृति की गोद मिली। तितली के पीछे भागने का शुभ अवसर। सुबह-शाम का नजारा देखने को मिली। प्रकृति को गहराई से समझने का मौका। अभी तक तो भगवान पर बहुत विश्वास।
हमें लिखना पसंद है भक्ति, प्रकृति, मानव विचार, थोड़ा बहुत प्रेम से संबंधित भी लिखती हूं।कहानी,निबंध, कविता, लघु कथा लिख सकती हूं। मगर कविता में विशेष रूचि है। वैसे हम हर विषय के हर विधा में लिख सकती हूं। मेरी लिखी हुई सोलो बुक निम्नलिखित है। :-
जीवन पथ, प्रकृति मानव और विचार, भक्ति सागर, काव्य संगम, काव्य महक,काव्य अभिनव, काव्य रस मंजरी, विविध रंग कविता संग्रह, काव्य अमृत धारा, काव्य संध्या ,काव्य संसार, माता-पिता का स्पर्श, जीवन दर्पण,कुछ पल कविता के संग ।
एक कहानी भी लिखी हूं।
"प्रेम सागर"
कुछ छोटी-छोटी लघु कथा लिखी हुई है कभी प्रकाशित कराएंगे। करीब-करीब 100 पुस्तक में रचनाएं दिए है कुछ नीचे है।: -
शिव-शक्ति, हर हर महादेव, मध्यम वर्ग, छवि इश्क की, हमारी संस्कृति और आधुनिकता, मेरे कान्हा, नीलकंठ, बचपन की यादें मां, धरती मां, हमारी पहचान, संविधान, श्वेतांबरी, प्रिय किशोर, मां-पापा, कवि विचारों की गुलदस्ता आदि।
एम ए की शिक्षा संस्कृत से देवघर कॉलेज देवघर। वर्तमान निवास स्थान बैजनाथ धाम देवघर, झारखंड।
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