You cannot edit this Postr after publishing. Are you sure you want to Publish?
Experience reading like never before
Sign in to continue reading.
Discover and read thousands of books from independent authors across India
Visit the bookstore"It was a wonderful experience interacting with you and appreciate the way you have planned and executed the whole publication process within the agreed timelines.”
Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palयह किताब आज की पीढ़ी के बच्चो के लिए है इसमे जो कहानियां हैं, यह सब सच्ची घटनाओं से प्रेरित हैं , इसलिए आप से अनुरोध है इसे पढ़े, समझे और इस पर विचार करे।
ये जो जिन्दगी का कैनवास है इसमें लिखने को कितना कुछ बाकी है लिखो जो तुमको लिखना है
जिगर में हौसला सीने में जान बाकी है
अभी छूने के लिए आसमान बाकी है
हारकर बीच में मंज़िल के बैठने वालों
अभी तो और सख़्त इम्तहान बाकी है
कौन-सी राह जो आसान हो नहीं जाती
यकीन दिल में अगर इत्मीनान बाकी है
रात के बाद ही सूरज दिखाई देता है
मगर रुको तो सुबह की अज़ान बाकी है
मुझे तो इस क़दर अपनों ने ही सताया है
ज़ख़्म का अब तलक दिल पर निशान बाकी है
हो गईं किसलिए खामोश बिजलियाँ गिरकर
शहर में अब भी मेरा मकान बाकी है
कहर का ख़ौफ़ नहीं है न फ़िक्र तूफाँ की
क्योंकि मुझे खुद पर इत्मीनान बाकी है, लोगों की बातों से ना घबराओ यारो, अभी तो असली इम्तिहान बाकी है।
आकाश राणा
कवि ऐसे व्यक्ति होते हैं जो एक व्यक्ति और समाज पर काफी गहरा असर डालते हैं वह खुद के कविता के माध्यम से समाज का असली रूप सामने लाने में हमेशा प्रयास करते रहते हैं कभी अपनी कविता का अलग-अलग ढंग से इस्तेमाल करते हैं कभी-कभी कविता को लोकगीत में तो कभी यमक के रूप में इस्तेमाल करते हैं
मेरा नाम आकाश राणा है मैं सहारनपुर का रहने वाला हूं और यह मेरी पहली पुस्तक है सफलता की चिंगारी और उम्मीद करता हूं यह आप लोगों को पसंद आएगी और अगर आप लोगों को पसंद आए तो आप लोगों इसे अपने छोटे भाई-बहनों को यह बुक जरूर दे।
The items in your Cart will be deleted, click ok to proceed.