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Sun Mere Moon, Tu Mera Sukoon / सुन मेरे मून, तू मेरा सुकून

Author Name: Sunita Subhash Gupta | Format: Paperback | Genre : Poetry | Other Details

“सुन मेरे मून, तू मेरा सुकून” ये किताब उन युगल जोड़ों को दर्शाता है जिन्होंने प्यार का एक लंबा सफर साथ में तय किया है। इस किताब में ज़िंदगी में अजनबी से दोस्त बनकर, दोस्त से दिलबर बनकर और दिलबर से हमदम बनने तक का सफर कविताओं के माध्यम से बताया गया है। दोस्त से दिलबर बनने के सफर में जितनी भावनाएँ होती हैं जिसमें कभी गुस्सा, कभी नफरत, तो कभी एक तरफ़ा प्यार, मोहब्बत के किस्से और इश्क की दास्तान और सभी भावनाओं को सुंदर तरीके से इस किताब में दर्शाया गया है। 

इन कविताओं के सार से हमको ये बताया गया है कि हम सबकी ज़िंदगी में वो एक इंसान जरूर होता है जिस्से हम सबसे ज्यादा प्यार करते हैं और उसी से लड़ते झगड़ते भी हैं पर कितने भी गम आए वो ही हमारी ताकत बनता है और उसमें ही हमारा सुकून बसता है। 

उस से ही मिलकर ऐसा लगता है कहने को कि वही

“सुन मेरे मून, तू मेरा सुकून” है।

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सुनीता सुभाष गुप्ता

सुनीता सुभाष गुप्ता पेशे से एक मनोचिकित्सक हैं। वह मुंबई में पली बढ़ी हैं और रहती हैं। उन्होंने एमएससी इन साइकोलॉजी और मास्टर्स इन साइकोथेरेपी एंड काउंसलिंग में किया हैं। वे वर्तमान में एक शैक्षिक सलाहकार के रूप में छात्रों का मार्गदर्शन करती है। सुनीता जी को कविताएँ लिखने का शौक है उन्होंने कई एंथोलॉजीस में सहलेखिका बनकर हिस्सा लिया है।  

“सुन मेरे मून, तू मेरा सुकून!” उनकी पहली कविताओं की किताब है। इन्होंने प्यार के युगल जोड़ों की भावनाओं को कविताओं के माध्यम से इस किताब में सुंदर शैली से प्रस्तुत किया है। इनका मानना है कि कविताएँ हमारे जीवन का सार है जो हमारे रोजमर्रा की जिंदगी की भावनाओं और विचारधारा को दर्शाता है। 

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