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TAMASHA / तमाशा

Author Name: Subhash Shyam Saharsh | Format: Paperback | Genre : Children & Young Adult | Other Details

तभी पीछे से फिर से आवाज आई- 
"अन्ना वह पिछले बार तो खा कर एक भी पैसा नहीं दिया था।" अब तक पास में पूरी बेल रहा सलाउद्दीन, जो उस होटल का मालिक भी था, वहां आ धमका। उसने उस आदमी को बुरी तरह घसीट लिया। 
"चल मामू बर्तन धो और जा। हिसाब बराबर।" उस आदमी की जुबान तो नहीं चली पर उसकी आंखों में 'नहीं' साफ दिख रहा था। उसे दूसरी मर्तबा भी घसीट लिया गया। मगर इस बार भी वह किसी भारी पत्थर की तरह थोड़ा हिलने के बाद उसी जगह पर आ गया जहां खड़ा था। अपनी दो नाकाम कोशिश के बाद सलाउद्दीन आग बबूला हो गया। उसने उसके कान के नीचे ताबड़तोड़ थप्पड़ जड़ दिया।

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सुभाष श्याम सहर्ष

सुभाष श्याम सहर्ष

आप एक लेखक, डाक्यूमेंट्री फिल्मकार, यूटूबर और ब्लॉगर हैं। आपकी कहानियों, कविताओं, ग़ज़लों और अकादमिक किताबों में वर्तमान परिदृश्य को समझने की सूझ-बूझ दिखती है। आपकी कृतियाँ शहर समाज और देश के सीमाओं को सहज ही लाँघ जाती है। आपकी कृतियों में समाज को और बेहतर बनाने की अनवरत कोशिश दिखती है। आपकी कृतियाँ यथार्थवाद और कल्पना का संगम हैं। आपके अनुसार पाठक स्वयं एक समाज का नेतृतव करता है। जिनके विचारों के आदान-प्रदान से समाज का कायाकल्प होता है।   

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