You cannot edit this Postr after publishing. Are you sure you want to Publish?
Experience reading like never before
Sign in to continue reading.
Discover and read thousands of books from independent authors across India
Visit the bookstore"It was a wonderful experience interacting with you and appreciate the way you have planned and executed the whole publication process within the agreed timelines.”
Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palतेरा नाम इश्क उपन्यास अजय सिंह राणा का सबसे चर्चित उपन्यास है। हरियाणा साहित्य अकादमी ने इस उपन्यास को मुंशी प्रेमचंद श्रेष्ठ कृति पुरस्कार से भी नवाजा है। यह उपन्यास राष्ट्रवाद में उलझी एक प्रेम कहानी है जिसमें प्रेम,दोस्ती, राष्ट्रवाद, बलिदान आदि तत्व शामिल है। इस उपन्यास की कहानी कश्मीर घाटी से शुरू होकर चंडीगढ़ के रास्ते मुंबई होते हुए अंत में तस्वीर में ही आकर खत्म होती है। इस उपन्यास में एक तलाश है अपने प्रेमी की तलाश। नायिका की तलाश क्या पूरी हो पाती है? जब अचानक नायक कहानी से गायब हो जाता है तो वह उसे खोजने निकल पड़ती है। विभिन्न पड़ाव को पार करती है यह कहानी अंत में भावुकता के चरम सीमा पर पहुंच जाती है।
कथा की सुन्दर बुनावट, वातावरण का सजीव चित्रण, निराली नाटकीयता, जादुई कल्पना, देश और काल का अनुसरण करता प्रांजल प्रकृति-चित्रण, पात्रों की अन्त: प्रकृति में प्रविष्ट होकर उनकी मनोदशा का सहज और मार्मिक चित्रण तथा प्रेम को बृहत परिप्रेक्ष्य के फ लक पर लाकर उसके उदात्त रूप का अहसास कराने का उद्देश्य आदि के साथ-साथ पाठक को आद्योपान्त अपने पाश में बांधने की शक्ति, अजय सिंह राणा कृत उपन्यास ‘तेरा नाम इश्क़’ की प्राथमिक विशेषताओं में सम्मिलित है। हिन्दी उपन्यास की कथा परम्परा के कुछ मिथकों से हटकर उप-शीर्षक, गीत तथा एक अदृश्य पात्र की रचना आदि नए प्रयोग भी इस कृति के रूप-विधान को प्रभावोत्पादक बनाते हैं। इस रचना की कथा के गर्भ में प्रेम है लेकिन लेखक ने इस मानवीय प्रेम पर जिस प्रकार देश-प्रेम को प्रतिष्ठित किया है, उसका विन्यास वैचारिक वैभव की वसुन्धरा से उपजी हृदय की कोमल भाव-शृंखला के नैसर्गिक पल्लवन के रूप में दिखाई देता है।
अजय सिंह राणा
हरियाणा साहित्य अकादमी और चंडीगढ़ साहित्य अकादेमी से बेस्ट बुक अवार्ड विनर लेखक अजय सिंह राणा का जन्म 01 फरवरी 1979 को करनाल जिले के गाँव गोंदर में हुआ था। इनका पालन पोषण और आरम्भिक शिक्षा शहर घरौंदा में हुई और उच्चतर शिक्षा के लिए इन्होंने करनाल, जम्मू विश्वविद्यालय, कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय, इग्नू विश्वविद्यालय और पंजाब विश्वविद्यालय चंडीगढ़ में अध्ययन किया। चार विषयों (भूगोल, शिक्षाशास्त्र, हिंदी साहित्य और मनोविज्ञान) में स्नातकोत्तर डिग्री, बी.एड., आपदा प्रबंधन में स्नातकोत्तर डिप्लोमा, और अंग्रेजी शिक्षण में स्नातकोत्तर सर्टिफिकेट कोर्स आदि डिग्रियां प्राप्त करके शैक्षिक दृष्टि से सम्पन्न यह रचनाकार आज समकालीन हिंदी साहित्य में किसी परिचय का मोहताज़ नहीं है। ये एक संवेदनशील लेखक माने जाते हैं।प्रसारण : आकाशवाणी और आज तक टीवी चैनल' के साहित्य तक कार्यक्रम में कहानी और कविताओं का प्रसारण।
पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशन : हंस, 'नया ज्ञानोदय, 'अहा जिंदगी, हिंदी आउटलुक, रसरंग, मधुरिमा, हरिगंधा, पुष्पगंधा, दैनिक ट्रिब्यून, दैनिक भास्कर, अमर उजाला, दैनिक जागरण आदि ।सम्मान :श्रेष्ठ कृति पुरस्कार 2019 (तेरा नाम इश्क उपन्यास को हरियाणा साहित्य अकादमी द्वारा), चंडीगढ़ साहित्य अकादमी द्वारा 'बेस्ट बुक ऑफ द ईयर अवार्ड 2020' तुम ज़िंदा हो माँ काव्य -संग्रह और जयपुर साहित्य सम्मान 2022
प्रकाशित पुस्तकें : उपन्यास (ख़ाली घरौंदे, तेरा नाम इश्क़)
कहानी-संग्रह-मकड़जाल,तीन काव्य-संग्रह (उम्मीद के किनारे, भीगे हुए ख़त, तुम ज़िंदा हो माँ)
लघु शोध कार्य : उपन्यास ख़ाली घरौंदे पर कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय द्वारा
सम्प्रति : अध्यापक, चंडीगढ़ शिक्षा विभाग
ईमेलःranageographer@gmail.com सम्पर्क : 9888719827
हरियाणा और चंडीगढ़ के युवा कथाकार और उपन्यासकार अजय सिंह राणा अपनी रचनात्मकता के प्रति न सिर्फ निष्ठावान हैं बल्कि अपनी कथा भाषा, कथ्य और ट्रीटमेंट के प्रति भी बहुत सचेत रहते हैं। वह उपन्यास और कहानियाँ लिखते रहे हैं । उनके उपन्यास तथा कहानियों' ने पाठकों को आश्वस्त किया है कि वह नए समय का संज्ञान लेने वाले लेखक हैं । उनकी प्रेम कहानियों में अंतर्मन की व्याकुलता है। कहानियों की भाषा के तेवर को वह भली भांति जानते हैं अजय सिंह राणा प्रतीकों के ज़रिए न सिर्फ मन का अंतर्द्वद्व रचते हैं बल्कि कथा को भी गूढ़ अर्थ देते हैं । लेखक के अंदर जो बेचैनी होनी चाहिए वह अजय के अंदर देखने को मिलती हैं । इस जुनून और ज़िद के साथ अगर वह निरन्तरता बनाए रखेंगे तो निश्चित रूप से बहुत कुछ प्राप्त करेंगे' ।- ज्ञानप्रकाश विवेक चर्चित कथाकार
The items in your Cart will be deleted, click ok to proceed.