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Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palमाँ की याद में लिखी यह कविताएं केवल शब्द मात्र नहीं है बल्कि भावनाओं का वह सागर है जिसमें मैं डुबकी लगाकर अपनी आत्मा को तृप्त करता हूं। ' माँ ' कोई छोटा शब्द नहीं बल्कि ऐसी दुनिया है जिसमें हम सब अपने दुख त्याग कर एक ऐसे लोक में पहुंच जाते हैं जहां सिर्फ निस्वार्थ प्रेम हैं। माँ कभी मरती नहीं, ज़िंदा रहती है हमेशा, हमारे विश्वास में, धड़कनों में और हमारे हर उस पल में जब हम अपने आप को अकेला महसूस करते हैं तो वह चुपके से आकर हमारा दामन थाम लेती है और सारे दुख हर लेती हैं।
अजय सिंह राणा
हरियाणा साहित्य अकादमी से पुरस्कृत उपन्यास "तेरा नाम इश्क़' के लेखक अजय सिंह राणा का जन्म 01 फरवरी 1979 को करनाल जिले के गाँव गोंदर में हुआ था। इनका पालन पोषण और आरम्भिक शिक्षा शहर घरौंदा में हुई और उच्चतर शिक्षा के लिए इन्होंने करनाल, जम्मू विश्वविद्यालय, कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय, इग्नू विश्वविद्यालय और पंजाब विश्वविद्यालय चंडीगढ़ में अध्ययन किया। चार विषयों (भूगोल, शिक्षाशास्त्र, हिंदी साहित्य और मनोविज्ञान) में स्नातकोत्तर डिग्री, बी.एड., आपदा प्रबंधन में स्नातकोत्तर डिप्लोमा, और अंग्रेजी शिक्षण में स्नातकोत्तर सर्टिफिकेट कोर्स आदि डिग्रियां प्राप्त करके शैक्षिक दृष्टि से सम्पन्न यह रचनाकार आज समकालीन हिंदी साहित्य में किसी परिचय का मोहताज़ नहीं है। ये एक संवेदनशील लेखक माने जाते हैं।
प्रसारण : आकाशवाणी और आज तक टीवी चैनल' के साहित्य तक कार्यक्रम में कहानी और कविताओं का प्रसारण।
पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशन : हंस, 'नया ज्ञानोदय, 'अहा जिंदगी, हिंदी आउटलुक, रसरंग, मधुरिमा, हरिगंधा, पुष्पगंधा, दैनिक ट्रिब्यून, दैनिक भास्कर, अमर उजाला, दैनिक जागरण आदि ।
सम्मान : श्रेष्ठ कृति पुरस्कार 2019 (तेरा नाम इश्क उपन्यास को हरियाणा साहित्य अकादमी द्वारा)
चंडीगढ़ साहित्य अकादमी द्वारा 'बेस्ट बुक ऑफ द ईयर अवार्ड 2020' तुम जिंदा हो माँ काव्य -संग्रह
जयपुर साहित्य सम्मान 2022
प्रकाशित पुस्तकें : उपन्यास (ख़ाली घरौंदे, तेरा नाम इश्क़)
कहानी -संग्रह-मकड़जाल
तीन काव्य-संग्रह (उम्मीद के किनारे, भीगे हुए ख़त, तुम ज़िंदा हो माँ)
लघु शोध कार्य : उपन्यास ख़ाली घरौंदे पर कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय द्वारा
सम्प्रति : अध्यापक, चंडीगढ़ शिक्षा विभाग
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