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Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palएडवर्टाइसिंग कंपनी में ग्राफिक डिजाइनर अमन की एक अचानक घटी घटना के कारण मुलाक़ात होती है चाय की दुकान पर काम करने वाले 10 साल के सुनील से। सुनील से मिलकर अमन को मालूम होता है कि जब सुनील बहुत छोटा था तभी उसके पिता की मौत हो चुकी है। मासूम सुनील पढ़ना चाहता है, उसके बहुत सारे सपने हैं लेकिन घर की आर्थिक स्थिति खराब होने की वजह से उसे पढ़ाई छोड़कर चाय की दुकान पर काम करना पड़ रहा है। सब जानकर अमन सुनील के सपनों को पंख देने की कोशिशों में जुट जाता। उसे अनेकों कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। वो लगातार नये रास्तों की तलाश में लगा रहता है। उसकी कोशिशों मे साथ देने के लिए उसके साथ है उसका दोस्त रोहित। दोनों मिलकर सुनील के सपनों की उड़ान के लिए उम्मीदों का आसमान बनाने में लग जाते हैं।
शहाब ख़ान
शहाब ख़ान प्रोफेशनली ग्राफिक डिज़ाइनर और कॉमिक्स कलरिस्ट होने के साथ लेखन के क्षेत्र में भी सक्रिय हैं। काफ़ी समय से आर्टिकल, कहानियाँ लिखते आ रहे हैं। उनकी कहानियाँ विभिन्न समाचार पत्र एवं ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर प्रकाशित हो चुकी हैं। पूर्व में ''परछाइयाँ'' एवं ''ज़िंदगी रुकती नहीं'' नाम से एक कहानी संग्रह एवं ''अखबार'' नाम से ई-बुक प्रकाशित हो चुकी है।
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