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Upnayashik Bhasha Aur Sanvedna ke Vividh Sandarbh / औपन्यासिक भाषा और संवेदना के विविध सन्दर्भ

Author Name: Dr. Amarendra Kumar Srivastava | Format: Paperback | Genre : Reference & Study Guides | Other Details

हिन्दी उपन्यास साहित्य के वैविध्यपूर्ण इतिहास में भाषा और संवेदना के बहुत से पड़ाव देखने को मिलते हैं । इनमें से कुछ महत्वपूर्ण पड़ावों का अंकन इस पुस्तक में किया गया है ।भाषा और संवेदना को लेकर हिन्दी उपन्यास साहित्य के इतिहास में सर्वाधिक महत्वपूर्ण नाम जैनेन्द्र का है, आपने शब्दों की भंगिमा का प्रयोग कर हिन्दी कथा भाषा को नया आयाम दिया ,इस पुस्तक में जैनेन्द्र से लेकर औपन्यासिक भाषा की यात्रा के विविध महत्वपूर्ण उपन्यासों का अध्ययन किया गया है ।

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डा. अमरेन्द्र कुमार श्रीवास्तव

डॉ0 अमरेन्द्र कुमार श्रीवास्तवः- लखनऊ विश्वविद्यालय लखनऊ से 2009 में ‘स्वातन्त्र्योत्तर  हिन्दी उपन्यासों के विविध भाषिक सन्दर्भः एक अनुशीलन’ विषय पर पी.एचडी.। 2007 से अद्यतन अध्यापन एवं शोध। प्रकाशन -विधिक हिन्दी (2018) स्वातन्त्र्योत्तर  हिन्दी उपन्यासों के विविध भाषिक सन्दर्भः एक अनुशीलन(2019)शीर्षक से दो पुस्तकों क लेखन , साझा संग्रह में कविताओं का प्रकाशन, राष्ट्रीय कर्तव्य और उच्च शिक्षा (2017), Issued and Challenges In Globlized World (2019), हिन्दी उपन्यास विविध परिप्रेक्ष्य (2020)भक्ति काव्य :ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य और दर्शन (2021) का संपादन  राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर की पत्र-पत्रिकाओं में 20 से अधिक शोधपत्रों का प्रकाशन। राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय संगोष्ठियों में प्रपत्र वाचन। सम्प्रति-2016 से अमिटी विश्वविद्यालय, उरप्रदेश, लखनऊ कैम्पस में सहायक आचार्य पद पर अध्यापन।

सम्पर्क- डॉ0 अमरेन्द्र कुमार श्रीवास्तव, वार्ड नं0 16 सहजनवॉ गोरखपुर।

amarendrasrivastava@outlook.com

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