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Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palइस किताब में समाज में बीत चुके कुछ घटना जिसमें हम लोगो को एक जुट होकर उसके खिलाफ लड़ना चाहिए था। गौरतलब है कि हम सिर्फ दुख व्यर्थ कर सकते हैं और हमेशा के तरह हम मोमबत्ती लेकर चौक चौराहों तक जाना उचित समझते है।
देख कर अनदेखा करना भी पाप के श्रेणी में आता है।
इस किताब में हमारे भारतीय ग्रंथों के कुछ महत्वपूर्ण किरदार का भी हमने उल्लेख किया है जिसकी भूमिका हमारे जीवन के कुछ बदलाव हेतु जरूरी है।।
गौरव त्रियार
एक वित्त स्नातक है और जिसे शब्दों को बुनने का शौक है। वित्त में डिग्री के साथ, वित्तीय के छेत्र में नौकरी कर रहे है। हालांकि, जब सूरज डूबता है, तो असली रचनात्मक पक्ष उभरता है। अपने लेखन के माध्यम से, कल्पनाशील क्षेत्रों में उतरते हैं, ऐसी स्थिति और किरदारों के बारे में बातें गढ़ते हैं जो पाठकों को मंत्रमुग्ध और प्रेरित करती हैं। वित्त की विश्लेषणात्मक दुनिया को साहित्य के असीमित दायरे के साथ जोड़ने की अद्वितीय क्षमता एक बहुमुखी और मनोरम लेखक के रूप में अलग करती है।
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