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UTARKAL KI SAKHI, AARTI V BHAJAN / उत्तरकाल की साखी, आरती व भजन

Author Name: Rajkumar godara bishnoi | Format: Paperback | Genre : Poetry | Other Details

इस पुस्तक में उत्तरकालीन विशनोई कवियों द्वारा रचित मूल साखी, आरती व भजन का संकलन कविनाम व उनके जीवनकाल सहित पृथक पृथक  किया गया है। 17 कवियों द्वारा रचित 24 साखी, 6 आरती व 28 भजनों का संकलन इस पुस्तक में किया गया है।
1. गोकल जी बैनिवाल (वि.सं. 1700-1790) (2 साखी)
2. चतरदास जी (वि.सं.1700-1800) (1 भजन)
3. हर जी बैनिवाल (वि.सं. 1745-1835) (11 साखी)
4. परमानंद जी बैनिवाल (वि.सं. 1750-1845) (4 साखी)
5. अज्ञात कवि (वि.सं.1750) भजन- 1 
6. मोतीराम जी (वि.सं.1850-1925) (1 आरती)
7. अज्ञात (वि.सं.1850-1925) (1 आरती)
8. गोविंद जी गोदारा (वि.सं. 1860-1950) (2 साखी)
9. साहबराम जी राहड़ (वि.सं. 1871-1948) (2 साखी, 2 आरती, 2 भजन)
10. अज्ञात कवि (वि.सं.1875) भजन- 1 
11. पीतांबरदास (वि.सं. की 19वीं सदी) (1 आरती)
12. अज्ञात कवि (वि.सं.1900-1950) भजन-1
13. ब्राह्मनंद जी (वि.सं.1910-1985) (1 भजन)
14. माधवानंद जी (वि.सं.1925-1975) (13 भजन)
15. बद्रीदास जी (वि.सं.1950) (5 भजन)
16. साधु जगदीशराम जी (वि.सं.1960-2005) (3 साखी, 3 भजन)
17. जगमालदास (वि.सं.1960) (1 आरती)

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राजकुमार गोदारा विशनोई

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