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Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palइस पुस्तक में निम्नलिखित 44 कवियों की रचनाएं उनके जीवन परिचय सहित दी गई है:-
1. देवो जी
2. हरिनंद जी
3. गोकल जी बैनिवाल
4. रासानंद जी थापन
5. मुकन जी
6. सेवादास जी गोदारा
7. चतरदास जी
8. सुदामा जी
9. हीरानंद जी
10. हरजी बैनिवाल
11. परमानंद जी बैनिवाल
12. गोविंदराम जी बागड़िया
13. रामलला जी
14. हरचंद जी डऊकिया
15. गंगाराम जी
16. सूरतराम जी
17. मयाराम जी
18. खेरातीराम मेरठी
19. विष्णुदास जी
20. हरिकिशन जी
21. पोकरदास जी
22. ऊदो जी अडीग
23. मोतीराम जी
24. लीलकंठ (वेचुव)
25. गोविन्दराम जी गोदारा
26. खेमदास जी जाखड़
27. साधु मुरलीदास जी
28. पीताम्बरदास जी
29. परसराम जी
30. केसो जी सिंवर
31. साहबराम जी राहड़
32. बिहारीदास जी
33. शीतल
34. स्वामी ईश्वरानंद जी गिरी
35. स्वामी ब्रह्मनंद जी
36. हिम्मतराय जी
37. मुंशी किशोरीलाल गुप्त
38. माधवानंद जी
39. बद्रीदास जी
40. जगमालदास जी
41. श्रीरामदास जी गोदारा
42. कुम्भाराम जी पुनियां
43. साधु जगदीशराम जी
44. अज्ञात कवि
राजकुमार गोदारा विशनोई
राजकुमार गोदारा विशनोई पंथ के साहित्य व इतिहास पर विगत 8 वर्षों से शोध कर रहे है। शोध की इस कड़ी में सम्पूर्ण जाम्भाणी साहित्य तीन भागों- जंभकाल का साहित्य, विल्हकाल का साहित्य व उत्तरकाल का साहित्य प्रकाशित किया जा रहा है। उसके पश्चात गुरू जाम्भोजी की प्रमाणिक जीवनी एवं उनके द्वारा रचित शब्दवाणी को प्रकाशित किया जाएगा। विशनोई पंथ का साहित्य, शिलालेख, वंशावली, विभिन्न हस्तलिखित ग्रंथों एवं अन्य सोर्स से प्राप्त सामग्री का विश्लेषण करके समाज के सामने फेसबुक ग्रुप 'विशनोई पंथ की वंशावली एवं इतिहास' के जरिये रखा जाता है, उन पर बुद्धिजीवियों द्वारा विचार विमर्श करके सटीक आकलन का प्रयास किया जाता है। विशनोई पंथ में प्रचलित भ्रान्तियों का निराकरण प्रमाणों के माध्यम से करने का प्रयास किया जाता है। विशनोई पंथ की स्थापना के समय विशनोई पंथ अपनाने वाले लोगों के नाम, गांव व उनकी जाति का पता लगाकर उनके वंशजों को ढुंढना और वंशावली के जरिये बिछड़े परिवारों का मिलन करवाने का प्रयास किया जाता है। विशनोई पंथ में पंथमर्यादाहित शहीद हुए पुर्वजों का इतिहास ढुंढना, उनके स्मारक खोजना एवं शहीद की गौरवगाथाओं पर आधारित काव्य का निर्माण करने का प्रयास किया जाता है।
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