Share this book with your friends

Valmikiya Ramayan Hindi Kavyanuwad - Khand - 3 (Yudh Kand) / वाल्मीकीय रामायण हिंदी काव्यानुवाद - खंड - 3 (युद्ध कांड) वाल्मीकि कृत रामायण का हिंदी कविता में लयबद्ध अनुवाद। / Valmiki Krut Ramayan Ka Hindi Kavita Mein Laybadh Anuwad

Author Name: Murlimanohar Vyas | Format: Paperback | Genre : Poetry | Other Details

वाल्मीकि रामायण के हिंदी में कई गध्ध में संस्करण निकल चुके है लेकिन यह पहली बार है कि किसी महाकाव्य का प्रत्येक संस्कृत श्लोक का हिंदी में पध्धानुवाद ताल, लय एवं गति के अनुसार छंद एवं अलंकारों से युक्त एक महाकाव्य श्री व्यासजी ने प्रस्तुत किया है। महर्षि वाल्मीकि की मूल रचना संस्कृत में रहने के कारण वह जनसामान्य की दृष्टि से प्राय: ओझल ही रही लेकिन अब इस पध्धानुवाद के माध्यम से वह सर्वसाधारण के सम्मुख प्रस्तुत की गई है। व्यासजी ने कई सालों तक अथक परिश्रम करके यह महाकाव्य हमारे सम्मुख प्रस्तुत किया है जिसके द्वारा वाल्मीकिजी द्वारा जो भाव एवं जो प्रकृति चित्रण प्रस्तुत किया गया है ठीक हूबहू उसी रुप में व्यासजी ने हिंदी में हमारे सम्मुख यह प्रस्तुत किया है। आशा है हिंदी के सुविज्ञ पाठक इसका रसास्वादन कर सकेंगे।

Read More...
Paperback
Paperback 640

Inclusive of all taxes

Delivery

Item is available at

Enter pincode for exact delivery dates

Also Available On

मुरलीमनोहर व्यास

इस महाकाव्य से काव्यानुवादक श्री. मुरलीमनोहर व्यास पेशे से वकील है एवं विगत 51 वर्षो से उच्च न्यायालय एवं निम्न न्यायालयों में अपने वाक्चातुर्य तथा कानूनी विद्वत्ता का परिचय दे चुके है। कई सालों तक उन्होंने राजनीति में भी अपना सक्रिय योगदान दिया है। लगभग 8 वर्षो तक वे अपने नगर की नगर परिषद के जनता द्वारा निर्वाचित मेयर रह चुके है। कविता के क्षेत्र में  यह उनका स्तुत्य प्रयास है।

Read More...

Achievements

+7 more
View All