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VIGYAAN YATRA / विज्ञान यात्रा vigyaan kavitaaon kaa sngrah

Author Name: Sachin Chandrakumar Narwadiya | Format: Paperback | Genre : Poetry | Other Details

भारत में विज्ञान संचार की बेहद जरुरत हैं। हमें वैज्ञानिक सोच का विकास करना चाहिए ताकि लोग अच्छे तरीके से जिंदगी जी सके। विज्ञान रोजमर्रा में हर क्रिया में हर वस्तु में निहित हैं। इसलिए हमें दैनिक जीवन में वैज्ञानिक दृष्टिकोण रखते हुए ऐसी सोच रखना चाहिए जो हमारे आने वाले कल को अच्छा वातावरण, शुद्ध जल और अच्छा स्वास्थ्य दे सके। प्लास्टिक (पॉली बैग तथा प्लास्टिक की छोटी छोटी चीज़ों/उपकरणों) के कारण आज कैंसर रोग और तरह-तरह के रोग समाज में तेज़ी से बढ़ रहे हैं। कृषि उद्योगों में कीटनाशक और उर्वरक के अधिक उपयोग से नदियों का जल दूषित हो रहा हैं, जिससे जलीय प्राणियों को नुकसान हो रहा हैं। इस प्रदुषण के कारण कुछ प्रजातियां विलुप्त हुई है और कुछ ख़त्म होने की कगार पर है। समर्पण हैं यह पुस्तक इन समस्याओं को जो धीमे ज़हर सी हमें ख़त्म कर रही हैं।

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सचिन चंद्रकुमार नरवडिया

श्री सचिन चंद्रकुमार नरवड़िया -  विज्ञान प्रसार (डीएसटी के अधीन स्वायत्त संस्थान , विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय, भारत सरकार), में वैज्ञानिक ‘डी’  हैं। इन्हें व्यवसाय जनित रोगों और स्वास्थ्य, विज्ञान प्रचार- प्रसार, मेडिकल लैब प्रौद्योगिकी आदि क्षेत्रों में 18 वर्षों का अनुभव हैं। इन्होंने विज्ञान, प्रेम, विरह, जीवन, खानपान जैसे कई प्रमुख विषयों पर कई सारी कविताओं कि की रचना की है।  देश की प्रमुख पत्रिकाओं में विज्ञान एवं तकनीकी पर आधारित कई सारे लेख प्रकाशित्।  
रचनाएँ: Tear Dops a love story (अंग्रेजी लघु उपन्यास) और भावनाओं के रंग कविताओं के संग   (कविता संग्रह)

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