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Vilahkal ke Harjas / विल्हकाल के हरजस

Author Name: Rajkumar godara bishnoi | Format: Paperback | Genre : Poetry | Other Details

इस पुस्तक में संत विल्होजी एवं उनके समकालीन विशनोई कवियों द्वारा रचित मूल हरजसों का संकलन कविनाम व उनके जीवनकाल सहित पृथक पृथक  किया गया है। 6 कवियों के 88 हरजसों का संकलन इस पुस्तक में किया गया है।
1.संत विल्हो जी (वि.सं.1589-1673)
            (21 हरजस)
2.  सुरजन जी पुनियां (वि.सं.1640-1748)
            (48 हरजस)
3. केसो जी गोदारा (वि.सं.1630-1736)
             (13 हरजस)
4. मिठुदास जी (वि.सं.1650-1750)
                 (3 हरजस)
5. दुरगदास जी (वि.सं.1600-1680)
              ( 2 हरजस)
6. माखन जी (वि.सं. 1650-1750)
           (1 हरजस)

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राजकुमार गोदारा विशनोई

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