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Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palविषय- सूची
भाग-1 : विश्वमानव - वार्ता
“विश्वमानव“ से वार्ता – 1
“विश्वमानव“ से वार्ता – 2
“विश्वमानव“ से वार्ता – 3
भाग-2 : विश्वमानव - वक्तव्य
विश्व शान्ति के लिए मन का मानकीकरण केवल शब्द नहीं, बल्कि उसके मानक का निर्धारण व प्रकाशन हो चुका है।
मैं भारत और अमेरिका के हताश होने की प्रतीक्षा कर रहा हूँ
रचनात्मक पत्रकारिता - पत्रकारिता का सत्य-रूप
21 दिसम्बर, 2012 को सर्वनाश नहीं बल्कि पाँचवें युग - स्वर्ण युग और सत्यकाशी तीर्थ प्रकट हुआ है
मेरे विश्व शान्ति के कार्य हेतु बनाये गये पाँच ट्रस्ट मानवता के लिए सत्य-कार्य एवं दान के लिए
सुयोग्य पात्र
भाग-3 : विश्वमानव – वाणीयाँ एवं उद्गार
“विश्वमानव“ की वाणीयाँ
“विश्वमानव“ के उद्गार
भाग-4 : गजल, शायरी और कविताएँ
गजल
शायरी
कविताएँ
लव कुश सिंह “विश्वमानव”
कल्कि महाअवतार के रूप में स्वयं को प्रकट करते श्री लव कुश सिंह “विश्वमानव” द्वारा प्रकटीकृत ज्ञान-कर्मज्ञान न तो किसी के मार्गदर्शन से है और न ही शैक्षिक विषय के रूप में उनका विषय रहा है। न तो वे किसी पद पर कभी सेवारत रहे, न ही किसी राजनीतिक-धार्मिक संस्था के सदस्य रहे। एक नागरिक का अपने विश्व-राष्ट्र के प्रति कत्र्तव्य के वे सर्वोच्च उदाहरण हैं। साथ ही राष्ट्रीय बौद्धिक क्षमता के प्रतीक हैं।
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