इस पुस्तक में एक ऐसे बच्चे की कहानी हैं जिसनें बचपन से ही संघर्ष को देखा हैं ना सिर्फ उसके खुद के जीवन में बल्कि अपने माता पिता के संघर्ष को भी, इस कहानी के माध्यम से लेखक ने दिखाने की कोशिश किया हैं कि कैसे जब कोई छोटे शहर का व्यक्ति अपने परिवार के रोजीरोटी के लिए बड़े शहर में जाता हैं तो वहाँ उसे किन - किन मुश्किलों का सामना करना पड़ता हैं । इस कहानी को जो भी ध्यान से पड़ेगा, तो शायद उसे ये अपनी खुद की जीवनगाथा लगें। इस किताब में 90s के बच्चों को ध्यान में रखकर उनके जीवनशैली को शब्दों में पिरोने की कोशिश लेखक द्वारा किया गया हैं। जो कि आप को आकर्षित करती हैं इस किताब को पढ़ने के लिए, क्योंकि इसमें उन दिनों की चर्चाएं हैं जब सेलफोन सबके पास न होने के बावजूद लोंगो का जीवन खुशहाल हुआ करता था। इसमें मूलतः ज़िन्दगी की असफ़लताए और सफलता के बीच की कड़ी को दर्शाने की कोशिश किया गया हैं। जिसे आप सब अपने जीवनकाल से जोड़ सकते हैं।