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Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Pal
यह हमारी बारहवीं पुस्तक ‘‘आत्मकथा (पार्ट-III)’’ जिसमें दिनांक 01.08.2008 को डीएसपी पद पर पदोन्नति पर ज्वाइन करने से प्रारंभ होकर डीएसपी व अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक एन आई ए, गृह मंत्रा
यह हमारी बारहवीं पुस्तक ‘‘आत्मकथा (पार्ट-III)’’ जिसमें दिनांक 01.08.2008 को डीएसपी पद पर पदोन्नति पर ज्वाइन करने से प्रारंभ होकर डीएसपी व अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक एन आई ए, गृह मंत्रालय, भारत सरकार में प्रतिनियुक्ति, पैरेन्ट यूनिट में वापसी व विशेष शाखा मध्य प्रदेश में सहायक पुलिस महानिरीक्षक खण्ड एक्स ‘‘गोपनीय’’ तथा सहायक पुलिस महानिरीक्षक जिला विशेष शाखा ग्वालियर व वहीं से अधिवार्षिकी पूर्ण कर से.नि. 30 जून 2017 को होने तक का लेखा जोखा किया गया है। पुस्तक हमारी श्रीमती को समर्पित की गई है और प्रस्तावना स्वप्निल द्वारा लिखी गई है। इस पुस्तक में यह भी लेख किया गया है कि चम्बल घाटी में डकैत ही नहीं बल्कि खिलाडी व साधु संत भी पैदा हुए हैं। क्षेत्र में कई घर्म स्थली है जो ऐतिहासिक होकर आध्यात्मिकता के परिसीमा को छूती हैं मुख्यतः थरा वाले पंडित जी रामदत्त मिश्रा, डॉ0 हनुमान दंदरौआ, वनखण्डेश्वर मन्दिर भिण्ड, रतनगढ वाली माता, लोचनदास बाबा, रामजीलाल पाराशर टेंटरा, धौरेट बाबा आदि हैं। इस बारहवीं पुस्तक ‘‘आत्मकथा (पार्ट-।।।)’’ के सह-लेखक हमारे छोटे सुपुत्र चिरंजीव रौबिन रूहल हैं।
This book "Gems of Criminal Justice System" typically consists details of certain gems of Criminal Justice System. It is well known to everyone that we are genuinely enjoying Bench of M.P. High Court Jabalpur at Gwalior.These gems helpin delivering justice at Gwalior.
This book "Gems of Criminal Justice System" typically consists details of certain gems of Criminal Justice System. It is well known to everyone that we are genuinely enjoying Bench of M.P. High Court Jabalpur at Gwalior.These gems helpin delivering justice at Gwalior.
‘’म0प्र0 में विभागीय जॉच’’ पुस्तक एक ऐसी पुस्तक है जिसमें विभागीय जॉच की प्रक्रिया का सरलतम तरीका लिखा गया है। पुस्तक विभागीय जॉच संस्थित करने वाले अधिकारियों के साथ-साथ
‘’म0प्र0 में विभागीय जॉच’’ पुस्तक एक ऐसी पुस्तक है जिसमें विभागीय जॉच की प्रक्रिया का सरलतम तरीका लिखा गया है। पुस्तक विभागीय जॉच संस्थित करने वाले अधिकारियों के साथ-साथ उन अपचारी अधिकारियों व कर्मचारियों जो विभागीय जॉच को फेस करते हैं उनके लिए भी उपयोगी है। इस पुस्तक के अध्ययन के बाद दोंनो ही पक्षों को इतनी जानकारी मिल जाएगी कि विभागीय जॉच संस्थित करने वाले अधिकारियों कि वे बिना गल्ती किए विभागीय जॉच संस्थित करने में कोई गल्ती नही करेंगे तथा जॉचकर्ता अधिकारी गण विभागीय जॉचों को नियमानुसार पूर्ण कर अपनी उपपत्ति लिख कर अनुषाषनिक अधिकारी को प्रस्तुत करने में सक्षम होंगे तथा दूसरी तरफ अपचारी अधिकारी या कर्मचारी अपना वचाव भलीभांति करने में समर्थ होंगे।
पुस्तक आत्मकथा (पार्ट-II) में लेखक ने आत्मकथा पार्ट-1 के बाद दिनांक 01.01.1989 से लेकर डीएसपी दिनांक 02.07.2008 बनने तथा डीएसपी पद पर आरूढ होने दिनांक 01.08.2088 तक का विवरण चित्रित किया है। लेखक ने पुस
पुस्तक आत्मकथा (पार्ट-II) में लेखक ने आत्मकथा पार्ट-1 के बाद दिनांक 01.01.1989 से लेकर डीएसपी दिनांक 02.07.2008 बनने तथा डीएसपी पद पर आरूढ होने दिनांक 01.08.2088 तक का विवरण चित्रित किया है। लेखक ने पुस्तक में निरीक्षक पद की पदस्थापनाओं का तथा उस समय के जीवन्त मार्मिक आयामों का चित्रण किया है। इस बीच की अदालती कार्यवाहियों का विवरण इस पुस्तक में किया है। पुस्तक में तत्समय की भयंकर दस्यु समस्या में अपनी सहभागिता कर चम्बल घाटी को डकैतों से मुक्त कराने में अमिट सहयोग दिया उसका भी विवरण लिखा है।
पुस्तक ‘‘आत्मकथा (पार्ट-I)’’ में लेखक की जन्म दिनाॅक 10 जून 1957 से लेकर दिनाॅक 31 दिसम्बर 1988 तक की गाथा का चित्रण किया गया है। प्राथमिक शिक्षा से लेकर उच्चतर शिक्षा व्यावसायिक एव
पुस्तक ‘‘आत्मकथा (पार्ट-I)’’ में लेखक की जन्म दिनाॅक 10 जून 1957 से लेकर दिनाॅक 31 दिसम्बर 1988 तक की गाथा का चित्रण किया गया है। प्राथमिक शिक्षा से लेकर उच्चतर शिक्षा व्यावसायिक एवं शोध परक शिक्षा जिसमें जीवाजी विश्वविद्यालय ग्वालियर से डाॅक्ट्रल उपाधि प्राप्त की। पुस्तक में किस तरह व्यावसायिक शिक्षा तथा सर्टीफिकेट इन स्पोर्ट इन जूडो पटियाला से पूर्ण कर एन आई एस की जूडो का रैग्यूलर कोेर्स छोडकर पुलिस विभाग में प्रवेश कर पदोन्नति प्राप्त करते हुए एएसपी पद पर एन आई ए में तीन साल की प्रतिनियुक्ति पूर्ण कर एआईजी पर से सेवा निवृत हुआ। पुस्तक में जीवन के मार्मिक आयामों को गाथा में पिरोया हैं। इस प्रथम भाग में पहले पारी से बाहर हुई पदोन्नति तक का विवरण चित्रित किया है।
पुस्तक ‘‘जाट इतिहास की झलक’’ में जाट समाज के इतिहास के उस भाग को समाज व सुधी पाठकों के सामने लाने का प्रयास किया गया है जो देश के इतिहास में उल्लेखित नहीं किया गया। उसका कार
पुस्तक ‘‘जाट इतिहास की झलक’’ में जाट समाज के इतिहास के उस भाग को समाज व सुधी पाठकों के सामने लाने का प्रयास किया गया है जो देश के इतिहास में उल्लेखित नहीं किया गया। उसका कारण इतिहासकारों के सामने देश काल परिस्थितयों व आकान्ताओं की इच्छा या देश के आजाद होने के बाद शाषित राजनैतिक दलों की मानसिकता के कारण नहीं लिखा गया और बिखर गया, खो गया। पुस्तक में जाट जाति का भोगौलिक विस्तार, जाट जाति की उत्पत्ति और विस्तार, जाट इतिहास की एक अनुभूति, महाराजा भीम सिंह गोहद, आगरा विजय दिवस, कौन थे राजा विक्रमादित्य, अमर वीर गोकुला, चन्देरी के राजा पूरनमल जाट, चौधरी छाजूराम, बाबा गंगादास जी, जाट राजा दिल्लू उर्फ दिलेराम, आंतिल इतिहास, जाट शामिल इतिहास, शहीदे आजम भगत सिंह व शादीपुर गॉव, घटामन के तोमर, बाबा महेदसिंह टिकैत, कौन्तेय बिल्हड देव तंवर, कौन्तेय वीर पाखरिया, वीर हरफूल सिंह, जाट इतिहास को चुराना, राजा महेन्द्र प्रताप मुरसान, राजा नाहर सिंह तथा महाराजादशरथ व माता कौशल्या की पूर्व जन्म की कथा शामिल हैं।
Book consists 5 stories included Jamun Ka Ped - The story is written in a satirical style, where it is told about the government action being taken to rescue the person buried under a tree, which is the work of government departments in the country. - Questions the methods.Vulture - Do you remember that picture, what is the name of that picture. "Vulture and little girl" In that picture a vulture is waiting for the death of a hungry girl. Kevin Carter awarded
Book consists 5 stories included Jamun Ka Ped - The story is written in a satirical style, where it is told about the government action being taken to rescue the person buried under a tree, which is the work of government departments in the country. - Questions the methods.Vulture - Do you remember that picture, what is the name of that picture. "Vulture and little girl" In that picture a vulture is waiting for the death of a hungry girl. Kevin Carter awarded a Pulitzer Prize but even after receiving so much respect, Carter committed suicide at the age of 33. A Story of Life's "Sanskar" - Late Mr. Seshan has written in his autobiography. . After the wife wished for the nest and returned home, I was faced with a deep sense of guilt because of that incident and got a sense of goodness to others, the spirit of not deceit comes to a person from the rites given by the elders of the family and from good company, if the company is bad then there is no question of getting good qualities. Look for the good - there can be many faults in me and you too. Who has been able to remain untouched by faults. Seek the good. How did the British come to India - the moral is that how the division among themselves can make a country independent.
The above 05 stories will fascinate the readers, as well as present such a moral that after reading these stories, I believe that no reader will forget them for life.
इस पुस्तक में 05 कहानियाॅ समाहित की गयी हैं। प्रत्येक कहानी अपना एक मौरल लेकर खडी है। 1.जामुन का पेड-कहानी व्यंग्यात्मक शैली में लिखी गयी है, जहां एक पेड के गिरने पर उसके नीचे दबे व्
इस पुस्तक में 05 कहानियाॅ समाहित की गयी हैं। प्रत्येक कहानी अपना एक मौरल लेकर खडी है। 1.जामुन का पेड-कहानी व्यंग्यात्मक शैली में लिखी गयी है, जहां एक पेड के गिरने पर उसके नीचे दबे व्यक्ति को निकालने के लिए की जा रही सरकारी कार्रवाई के बारे में बताया गया है, जो देश में सरकारी विभागों के काम करने के तौर-तरीकों पर सवाल उठाती है। 2.गिद्ध-क्या आपको उस चित्र की याद है! उस चित्र का नाम है.‘‘गिद्ध और छोटी बच्ची’’ उस चित्र में एक गिद्ध भूखी बच्ची की मृत्यु का इंतजार कर रहा है। एक दक्षिण अफ्रीकी फोटो पत्रकार केविन कार्टर ने इसे मार्च 1993 के अकाल में सूडान में खींचा था। उस फिल्म के लिए उसे पुलित्जर पुरस्कार दिया गया था। लेकिन इतना सम्मान प्राप्त करने के बाद भी कार्टर ने 33 वर्ष की उम्र में आत्महत्या कर ली थी। 3.एक कहानी जीवन की ‘‘संस्कार’’-स्व0 श्री शेषन ने अपनी आत्मकथा में लिखा है.ष्मेरी स्थिति, शक्ति और आईएएस की डिग्री सिर्फ उस छोटे ‘‘अनपढ़’’ मवेशी चराने वाले लड़के द्वारा बोले गए शब्दों के सामने पिघल गई।4.अच्छाई की तलाश करें-मुझमें और आपमें भी कई दोष हो सकते हैंण् दोषों से कौन अछूता रह पाया है! कभी.कभी ऐसे दोषों और कमियों से भी हमारे जीवष्ष्ष्ष्ष्ष्न को सुन्दरता और पारितोषक देनेवाले अवसर मिलते हैं! इसीलिए दूसरों में दोष ढूँढने के बजाय उनमें अच्छाष्ई की तलाश करें।5.अंग्रेज भारत में केसे आए-मौरल यह है कि आपस की फूट एक देश को परतंत्र कैसे बना सकती है। ‘‘05 कहानियाॅ’’ पाठकों का मन मोह लेंगीं, साथ-साथ ऐसा मौरल पेश करती हैं कि इन कहानियों के पढने के बाद कोई भी पाठक इन्हें आजीवन नहीं भूलेगा।
डाॅ0 रुहल ने पुस्तक ‘‘चम्बल के बागी व आत्म समर्पण’’ को तैयार कर दस्यु समस्या के सभी पहलुओं को रेखांकित करने का जो जटिल काम किया है उसके कारण ये पुस्तक न केवल पठनीय अपितु एक स
डाॅ0 रुहल ने पुस्तक ‘‘चम्बल के बागी व आत्म समर्पण’’ को तैयार कर दस्यु समस्या के सभी पहलुओं को रेखांकित करने का जो जटिल काम किया है उसके कारण ये पुस्तक न केवल पठनीय अपितु एक संदर्भ ग्रन्थ के रुप में गिनी जाएगी। आप इस पुस्तक के जरिये चंबल में ही नहीं अपितु देश में दस्यु समस्या के इतिहास में झांक सकते हैं। इस समस्या के राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक कारणों की पडताल कर सकते हें। डाॅ0 रुहल ने दस्यु समस्या से सीधे जूझते हुए इस पुस्तक को तैयार किया है इसलिए इसमें प्रमाणिकता को लेकर कोई संदेह नहीं है। चंबल घाटी के राॅबिनहुड डाकू सरगना मानसिंह से लेकर अभी तक सक्रिय डाकू गिरोहों के बारे में रोचक, रोमांचक सामग्री दी है। इस पुस्तक में पूर्व प्रकाशित पुस्तक ‘‘चम्बल घाटी, डकैत एवं पुलिस’’ का अंश भाग भी पठने को मिलेगा तथा चम्बल बागियों के आत्मसमर्पण का विवरण पठने को मिलेगा। आप इस पुस्तक का आनंद एक उपन्यास की तरह भी ले सकते हैं और राजनीति विज्ञान, सामाजिक विज्ञान तथा इतिहास की पुस्तक के रुप में भी। लेखक ने चम्बल घाटी के इतिहास के साथ-साथ चम्बल के बागियों के आत्मसमर्पण के बारे में विस्तार से लेख किया है। मुझे पूर्ण विश्वास है कि चम्बल क्षेत्र व उसके बाहर चम्बल के बागियों के संबंध में व दस्यु समस्या के संदर्भ में यह पुस्तक पाठकों को अच्छी लगेगी। भविष्य में इस क्षेत्र के शोधार्थियों के लिए यह महत्वपूर्ण पुस्तक गिनी जाएगी।
उपन्यास “हम राष्ट्र हित करेंगे” एक ऐसी कृति है कि उसके अध्ययन के बाद निश्चित रूप से आप अपना सोच बदलेंगे और इस पुस्तक में जो रिफोर्मिग सिस्टम बताया है उसे पसंद कर
उपन्यास “हम राष्ट्र हित करेंगे” एक ऐसी कृति है कि उसके अध्ययन के बाद निश्चित रूप से आप अपना सोच बदलेंगे और इस पुस्तक में जो रिफोर्मिग सिस्टम बताया है उसे पसंद करेंगे और चाहेंगे कि इस प्रकार का सिस्टम अपने देश में लागू होना चाहिए। उपन्यास में जीवन के प्रत्येक पहलू पर विचार कर विषय वस्तु को अन्दर से स्वप्रेरित करने वाली व रोमांचक बनाया है। बाद अध्ययन आपको ऐसा लगने लगेगा के कि देश में अव्यवस्थाओं को व्यवस्थित करने के लिए आमूल चूल परिवर्तन की आवश्यकता है तथा इसी क्रम में संवैधानिक सुधारों की भी आवश्यकता महसूस होने लगेगी और इसके एक सशक्त राजनैतिक दल की आवश्यकता है जो सरकार में आकर ये वांछित सुधार करने की स्थिति हो। पिछली सरकारों ने क्या किया है वह सबके सामने है। इस उपन्यास में प्रशासनिक क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम धार्मिक सामाजिक तथा राजनैतिक रिफोर्मिग सिस्टम के बारे में विस्तृत अनुसंधान करके विषय वस्तु में समाहित किया है। जब रिफोर्मिंग सिस्टम के बारे में गहन अध्ययन करेंगे तो आप पायेंगे कि उपन्यास की कहानी आपको राष्ट्र निर्माण का एक समयानुसार बेहतरीन विकल्प भी दे रही है।
चंबल और उसके डाकू वास्तव में एक ऐसा संसार निर्मित हैं जो मानवीय संवेदनाओं के साथ व्यग्रता, प्रतिशोध, प्रायश्चित, प्रेम और घृणा के आस पास रचा जाता है। इसे बाहर से समझना कठिन काम
चंबल और उसके डाकू वास्तव में एक ऐसा संसार निर्मित हैं जो मानवीय संवेदनाओं के साथ व्यग्रता, प्रतिशोध, प्रायश्चित, प्रेम और घृणा के आस पास रचा जाता है। इसे बाहर से समझना कठिन काम है लेकिन लेखक की ये पुस्तक ‘‘चम्बल घाटी, डकैत व पुलिस’’ इस काम को आसान बनाता है, एक रास्ता छोडती हुई आगे बढती है। चूंकि लेखक ने पुलिस अधिकारी के रूप में चंबल की सैंकडों किमी परिधि में फैली ऊबड-खाबड धरती को पैदल नापा है इसलिए लेखक विश्वास पूर्वक कह सकता है ये पुस्तक हर दृष्टि से अद्वितीय है।
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