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Visit the bookstore"It was a wonderful experience interacting with you and appreciate the way you have planned and executed the whole publication process within the agreed timelines.”
Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh PalAnjana Reetoria was born in Gwalior, later based in Indore, India. She came to Mumbai famously known as "the city of dreams" with Dream in her Eyes and makes a name for herself. She has extensively worked in the media industry form the last 15 years as a creative Director in many prestigious organizations. Currently, Anjana is associated with MX player, the digital platform of " the Times of India " as a creative consultant. Being a single parent and understanding and experiencing the struggle of raising a child alone, she is also a pillar of strength and counseling support system for her closRead More...
Anjana Reetoria was born in Gwalior, later based in Indore, India.
She came to Mumbai famously known as "the city of dreams" with Dream in her Eyes and makes a name for herself.
She has extensively worked in the media industry form the last 15 years as a creative Director in many prestigious organizations.
Currently, Anjana is associated with MX player, the digital platform of " the Times of India " as a creative consultant.
Being a single parent and understanding and experiencing the struggle of raising a child alone, she is also a pillar of strength and counseling support system for her close friends and family.
When India went on lockdown during the COVID-19 pandemic, a lot of people experienced severe stress and hopelessness to the point of committing suicide.
This was a calling for her, and she came up with a perspective and a plan to change the thought process of people.
She wanted them to realize that problems just exist in one's mind, and we intensify our own worries and problems by thinking about them over and over again.
She wanted people to realize unwanted worries and thoughts should be dealt with a different approach,
She wanted people to realize that their worries and stress can actually be turned into money-making machines
Thus came the idea of changing the lives of millions of people by sharing her own thought process and of converting worries into currency.
This is a story of her life. How she applied this formula in her day to day routine and successfully changed her life, which has resulted in this outstanding book which you are holding in your hand.
Just wait and see your life unfolding right in front of your eyes with this magical formula she is going to tell you about.
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Soul Journey यानी soul का पृथ्वी पर आना और अपना धर्म और कर्म पूरा करना ,पर आपकी soul का क्या कर्म बाकी है और soul का धर्म क्या है ये सब जानने के लिए सब्र से काम लेना होगा, धैर्य से समझना होगा तब जा
Soul Journey यानी soul का पृथ्वी पर आना और अपना धर्म और कर्म पूरा करना ,पर आपकी soul का क्या कर्म बाकी है और soul का धर्म क्या है ये सब जानने के लिए सब्र से काम लेना होगा, धैर्य से समझना होगा तब जाकर आपको बताया भी जाएगा और आपसे करवाया भी जाएगा हर वह काम जिसके लिए आपकी Soul तैयार है।
आपको आपका काम भी मिलेगा और काम पूरा होने पर उसका Reward भी मिलेगा पर आपकी ये पूरी Journey की सफलता सिर्फ आपकी ईमानदारी पर निर्भर करती है कि कितने ईमानदार है आप अपने Purpose को Serve करने में ,क्योंकि कई बार हम इंसान Purpose को कब Business बना देते है पता ही नहीं चलता ,और फिर शुरू होता है ब्रह्माण्ड का खेल और इंसान जब तक समझता है तब तक जो पाया था , वह सब गँवा भी देता है।
आपका serve करना कब commercial रूप ले लेता है और आप कब पैसे कमाने की race में दौड़ने लगते है कि आपको पता ही नहीं चलता और फिर उसी दौड़ में ब्रह्माण्ड द्वारा फेंका गया एक रास्ते का पत्थर काफी है आपको ठोकर खाकर गिराने के लिए।
तब हम मनुष्य फिर एक बार higher Dimension से Third Dimension में आते है और फिर शुरू हो जाता है सुख दुःख का और जीवन में उतार चढ़ाव का ब्रह्माण्ड का रचाया खेल जो higher Dimension में नहीं होता। Third dimension में रहकर भी सुख दुःख कि माया से हम निकल भी सकते है और हमारे हिस्से के सारे rewards भी यहाँ मिल सकते है ,एक ही शर्त है ब्रह्माण्ड की "ईमानदारी" ।
४० से ४० करोड़ लिखने के बाद करोड़ों की बातें करने का और लिखने का पूरा हक़ है मुझे , मुंबई शहर में अपनी 7 साल की बेटी के साथ अकेले शुरू किया था ये सफर ,कभी ४० रुपये , कभी 70 र
४० से ४० करोड़ लिखने के बाद करोड़ों की बातें करने का और लिखने का पूरा हक़ है मुझे , मुंबई शहर में अपनी 7 साल की बेटी के साथ अकेले शुरू किया था ये सफर ,कभी ४० रुपये , कभी 70 रुपये ,तो कभी 26 रुपये का Bank balance हुआ करता था मेरी बैंक का ,पर सपने हमेशा करोड़ों के ही थे।
किसी ज्योतिष ने मेरा हाथ देखकर कहा बहुत संघर्ष है किस्मत में ,पर मैंने जाना किस्मत तो हाथों में होती ही नहीं है हाथों से होती है और मैंने लिखी मेरी और मेरी बच्ची की किस्मत अपने हाथों से ,आज ४० करोड़ बैंक में हो वैसा ही जीवन जी रहे है मैं और मेरी १७ वर्ष की बेटी।
10 वर्षों का संघर्ष मात्र तीन वर्षों में ख़त्म किया है मैंने अपनी सोच बदलकर ,जब मैंने जाना की मेरी आर्थिक स्थिति और मेरा संघर्ष पारिवारिक और सामाजिक वातावरण से मिली सोच का परिणाम है, न की किसी का रईस होना जन्म सिद्ध अधिकार या जिंदगी भर गरीब रहना किसी की किस्मत।
"हमारी ज़िन्दगी हमारी ही सोच का Reflection है और हमारे Actions का result"
अगर आप ज़िन्दगी के उस दौर से गुजर रहे है, जहाँ कुछ अच्छा नहीं चल रहा, lockdown में जॉब नहीं रहा, घर में पैसे नहीं बचे , कर्ज़दार आपके दरवाज़े पर है और आप परेशान हो रहे है , अगर आपको अपनी स्थ
अगर आप ज़िन्दगी के उस दौर से गुजर रहे है, जहाँ कुछ अच्छा नहीं चल रहा, lockdown में जॉब नहीं रहा, घर में पैसे नहीं बचे , कर्ज़दार आपके दरवाज़े पर है और आप परेशान हो रहे है , अगर आपको अपनी स्थति बहुत दयनीय महसूस हो रही है और रोना आ रहा है तो मेरी माने और जितना रो सकते है रो लीजिये, फिर कभी न रोने के लिए ।
क्यूंकि अगर आपने ये किताब खरीदी है,या किसी भी जरिये से ये आपके हाथों में है तो ब्रह्माण्ड का इशारा समझिये, जिंदगी में फिर कभी रोने का मौका नहीं मिलेगा, फिर कभी आप अपने आपको मजबूर और लाचार नहीं समझेंगे ,फिर कभी न तो भगवान् से अपने पैदा होने के लिए सवाल करेंगे और न ही कभी किस्मत को दोष देंगे, और न ही कभी किसी धनवान और सफल इंसान को देखकर अपनी लाचारी मह्सूस होगी।
जीवन के जिस पड़ाव में आप है,अपने मन की तो आपने कर ही ली और अगर ये किताब आपके हाथों में है, इसका मतलब है की बदलाव की चाहत भी, है और ज़रूरत भी।
क्यूंकि इस ४० से ४० करोड़ के सफर में ज़िन्दगी तो बदलेगी और अच्छे के लिए बदलेगी ये तो तय है।
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