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AAJ PURAANE KHAT KHOLE THE / आज पुराने ख़त खोले थे

Author Name: Ravi Shukla | Format: Paperback | Genre : Poetry | Other Details

प्रिय पाठकों प्रेम जीवन की वह अमूल्य भेंट है, जिसके होने मात्र से कुछ ना होते हुए भी बहुत कुछ होता हुआ प्रतीत होता है। प्रेम स्वयं का दूसरे के प्रति समर्पण है। यदि इसे और अधिक महत्व दें तो आत्मसमर्पण कहना गलत नहीं होगा। प्रेम के यथार्थ के विषय में यदि कहा जाए तो प्रेम निश्छल और निःस्वार्थ होना चाहिए क्योंकि जहाँ स्वार्थ है वहाँ प्रेम है ही नहीं।

प्रेम को समझना बहुत ही सरल किंतु उतना ही कठिन भी है। और यह सबकुछ परिस्थितियां तय करती हैं। कभी कभी परिस्थितिय

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रवि शुक्ल

अपनी वास्तविकता और काल्पनिकता को शब्दों के द्वारा विभिन्न विधाओं में लिखने की क्रिया ही तो काव्य है। एक सफल कविता वही है, जो किसी व्यक्ति विशेष पर, समाज पर अपना पूर्ण रूप से प्रभाव जमा ले। यदि इसे समाज का दर्पण कहें तो कुछ गलत नहीं। यह शब्दों का ऐसा घर है, जिसमें एक कवि के भावों विचारों चाहे वह काल्पनिक हो अथवा वास्तविक, का वास रहता है।

और इसी में आपको काव्य का एक छोटा सा हस्ताक्ष

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