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"It was a wonderful experience interacting with you and appreciate the way you have planned and executed the whole publication process within the agreed timelines.”
Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Pal“संगिनी “ एक महिला सैनिक अधिकारी जया की प्रेम और संघर्ष की कहानी है| उसका जीवन खुशहाल और आनंदमय होता है तभी अचानक उसका युवा पति कैप्टन अजय सिंह राणा कश्मीर में पाकिस्तानी आतंकवादियों से लड़ते हुए शहीद हो जाता है |इस दर्दनाक घटना के बावजूद भी जया भारतीय सेना में अधिकारी बनने का फैसला लेती है और सेना में एक अधिकारी के रूप में नियुक्त होती है | परिवार के सभी सदस्य चाहते हैं कि वह पुनः विवाह कर ले पर वह शादी से इनकार कर देती है |
उसे संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन में कार्य करने का मौका मिलता है |उसी दरमियान उसकी मुलाकात एक भारतीय सैन्य अधिकारी मेजर चंद्रन नायर से होती है और उसके अंदर नारी सुलभ प्रेम भावना जाग जाती है| मेजर चंद्रन नायर जया से शादी करना चाहते हैं पर उनकी माँ को यह स्वीकार नहीं है | फिर शुरू होता है संघर्ष आपसी रिस्तों का | क्या मेजर चंद्रन नायर माँ की इच्छा के विरुद्ध जया को अपनी पत्नी स्वीकार कर पाएंगे ? क्या जया उनकी माँ का दिल जीत पाएगी? इन सवालों का जवाब पाठकों को संगिनी में पढ़ने को मिलेगा |
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Your review has been deleted and won’t appear on the book anymore.राम प्रताप सिंह
राम प्रताप सिंह भारतीय सेना, मैकनाइज्ड इनफेन्ट्री रेजीमेंट व सीमा सुरक्षा बल में एक सैन्य अधिकारी थे | उन्हे सैन्य सेवा का 36 वर्षों का अनुभव है| अपनी सेवा काल के दौरान उन्हे भारत-पाकिस्तान व भारत -बांग्लादेश सीमा में कार्य करने का अनुभव है | इसके अलावा उन्होंने अंग्रेजी साहित्य, विधि,मानव अधिकार, बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन, सायबर लॉ , लेबर लॉ में मास्टर्स डिग्री व डिप्लोमा हासिल किया है | सैन्य सेवा से मुक्त होने के बाद वो एक कंपनी में प्रशासनिक व सुरक्षा अधिकारी रहे| उन्होंने वकालत का पेशा भी अपनाया | अब वह अपना पूरा समय पठन-पाठन व लेखन में देते हैं | संगिनी हिन्दी भाषा मे लिखा गया उनका पाँचवां उपन्यास है |
इस उपन्यास में एक महिला सैन्य अधिकारी के जीवन में आने वाली चुनौतियों , उसके साहस , लक्ष्य हासिल करने की जिद, जीवन के उतार-चढ़ाव , मानवीय संवेदनाओं , प्रेम व रोमांच का सजीव चित्रण है जिसे लेखक ने एक सैनिक की जिंदगी में बहुत करीब से देखा और जिया है| यह उपन्यास उन महिलाओं के लिए प्रेरणास्रोत है जिन्होंने सैनिक जीवन अपनाने का सपना देखा है | यह एक सैनिक की विधवा पत्नी की कहानी है जो जीवन की राहों मे आशा , निराशा , प्रेम और संघर्ष से जूझती है | इसमें नारी सुलभ भावनाओं का सजीव चित्रण है | यह उपन्यास उन्हे जीवन के प्रति आशावान बनाए रखेगा | लेखक से पत्र व्यवहार का पता –Email : rps1959@gmail.com Mobile No 91-7000153809.
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