Share this book with your friends

SUNDARVAN KI DURGA / सुंदरवन की दुर्गा

Author Name: RAM PRATAP SINGH | Format: Paperback | Genre : Literature & Fiction | Other Details

 “सुंदरवन की दुर्गा” एक स्त्री के जज्बे और संघर्ष की कहानी है जो सुंदरबन को बचाने के लिए जीवन भर संघर्ष करती है | कहानी की शुरुआत सुंदरवन से होती है जहाँ सत्तू अपनी दोस्त दुर्गा माझी के साथ सुंदरवन को बचाने के लिए दुस्साहसिक अभियान में निकलता है| कालांतर में उनकी दोस्ती प्यार में बदल जाती है| पर एक रात अचानक दुर्गा माझी लापता हो जाती है| इस गम को भुलाने के लिए सत्तू  देहरादून चला जाता है जहाँ उसकी मुलाकात विधवा स्त्री सावित्री से होती है| दोनो में प्यार हो जाता है और वे शादी कर लेते हैं| फिर उनकी बेटी दुर्गा सुंदरवन को बचाने का संघर्ष करती है... 

Read More...
Paperback

Ratings & Reviews

0 out of 5 (0 ratings) | Write a review
Write your review for this book
Paperback 200

Inclusive of all taxes

Delivery

Item is available at

Enter pincode for exact delivery dates

Also Available On

राम प्रताप सिंह

राम प्रताप सिंह भारतीय सेना और सीमा सुरक्षा बल में अधिकारी थे| 36 वर्षों के सेवा काल में उन्हे भारत की सीमाओं में सेवा करने का मौका मिला| उन्होंने MA (English),LLM,PGDHR(Post Graduate Diploma in Human Rights), DLL&LW (Diploma in Labour Laws & Labour Welfare), Diploma in Cyber Laws, MDBA (Master Diploma in Business Administration) में मास्टर्स डिग्री व डिप्लोमा हासिल किया|सेवा से मुक्त होने के बाद वकालत का पेशा अपनाया| वर्तमान में वह लेखन के प्रति पूरी तरह समर्पित हैं| “सुंदरवन की दुर्गा” उनका 35 वां उपन्यास है|

Read More...

Achievements

+4 more
View All