मेरे लिए बड़े हर्ष का विषय है कि "बांसुरी की जिंदादिली" मेरा द्वितीय काव्य संग्रह प्रकाशित होने जा रहा है जिसमें मैंने साधारण भाषा में अपनी कविताओं का सृजन किया है ताकि पाठक आसानी से भावों को समझ सकें। सब कविताएं आम जीवन के इर्द-गिर्द हैं यदि मुझसे कोई त्रुटि हुई हो या व्याकरण की दृष्टि से कोई त्रुटि रही हो तो मैं क्षमा प्रार्थी हूँ।