पुस्तक में..............
"स्वस्थ तन में स्वस्थ मस्तिष्क निवास करता है" इसी वाक्य को ध्यान में रखकर तन विषय पर रचनाओं का संकलन किया गया है। सभी रचनाकारों की श्रेष्ठ रचनाओं का रसपान पाठक कर सकेंगे और स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता ला सकेंगे। इसके माध्यम से "तन" के बारे में सकारात्मक और नकारात्मक प्रभाव को दर्शाने की कोशिश की गयी है। जिसमें तन को नश्वर और आत्मा को अजर अमर बताया गया है।
तन संग्रह का संकलन वीपी हरदीप मट्टू जी के द्वारा किया गया जिसे संगम पब्लिकेशन कोटा द्वारा संपादित करके प्रकाशित किया गया है।
सभी रचनाकारों का हार्दिक शुभकामनाएँ और बधाइयाँ
आशा हैं आप सभी पाठकों को यह काव्य संग्रह अवश्य पसन्द आयेगा।