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"It was a wonderful experience interacting with you and appreciate the way you have planned and executed the whole publication process within the agreed timelines.”
Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palइस पुस्तक में भारतीय भाषाओं की 10 विशिष्ट कहानियों का नाट्य रूपांतर है। अमृता प्रीतम (पंजाबी), विजयदान देथा (राजस्थानी), इस्मत चुगतई (उर्दू), आचार्या चतुरसेन शास्त्री (हिंदी), किशोरी चरण दास (उड़िया), गोबिंद पंजाबी (सिंधी), रस्किन बांड (अंग्रेजी), शरदेंदु बंधोपाध्याय (बांग्ला), कि राजनारायण (तमिल), दिनकर जोशी (गुजराती) की गिनती अपनी-अपनी भाषाओं के श्रेष्ठ लेखकों के रूप में होती है। इन सभी लेखकों की विशिष्ट कहानियों को इस पुस्तक में नाट्य रूप में पढ़ा जा सकता है। कुमार संजय ने उनकी कहानियों को बहुत ही सरल, सहज और मंचीय भाषा में प्रस्तुत किया है। नाट्य प्रेमी पाठकों को इन नाट्य रूपांतरों को पढ़ने में और नाट्य कर्मियों को इन्हें मंचित करने में बहुत आनंद आएगा, इसमें दो राय नहीं हो सकती।
डाॅ. कुमार संजय
डाॅ. कुमार संजय हिंदी नाटक लेखन के एक सशक्त हस्क्षाक्षर हैं। आप हिंदी और अंग्रेजी, दोनों भाषाओं में नाटक लिखते हैं। अबतक आप लगभग सौ नाटक लिख चुके हैं। आपकी 16 नाट्य पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। ‘10 आॅफबीट रंग नाटक’ उनकी 17वीं नाट्य पुस्तक है। 2011 में आपको मोहन राकेश सम्मान से विभूषित करते हुए साहित्य कला परिषद, नई दिल्ली ने टिप्पणी की थी -‘कुमार संजय एक ऐसे रचनाकार हैं जिन्होंने भाषा की व्यंजना को अपनी रचना में महत्व दिया है। व्यंग्यात्मक, चुटीली, रसीली भाषा दर्शक से सीधा संवाद करने में कहीं अधिक कारगर होती है। पहली नजर में उनके विषय हल्के लग सकते हैं पर धीरे-धीरे उनकी परतें खुलती हैं तो बड़ी ही सरल-व्यंग्यात्मक भाषा में एक गंभीर विषय दर्शकों के सामने होता है। यही कुमार संजय की रचनात्मक विशिष्टता है।’
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