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मेरी सोच मेरा नज़रिया Naamumkin Ki Zustzoo..

Author Name: Daksh Aryan | Format: Paperback | Genre : Poetry | Other Details
बह रहा है मेरी ख्वाहिशों का दरिया ज़िन्दगी जीने का है मेरी वो जरिया काग़ज़ पे कलम ने मेरी उतारा मेरी सोच औऱ मेरा नज़रिया गुज़रे लम्हो को हरफ़ो में लिखके आया हूँ लफ़्ज़ों में कोई पिरोदे तो क्या बात हो। तक़दीर में तब्दीलियों का इंतज़ार कबसे है जबसे मिली उम्मीद मुझे ऐतबार तबसे है क्या पता सब्र रखने से हाथ में मेरे ये वक्त हो आज अल्फाज़ो की कदर नहीं किसी को, क्या पता कल अहम् मेरे दस्तख़त हो
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Paperback 280

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Daksh Aryan

मैं दक्ष आर्यन ये नाम मेरे काम ने दिया और मैं चल पड़ा तलाश में वज़ूद की मैं दिल्ली की ही पैदाईश हूँ और पढ़ाई भी दिल्ली के सरकारी स्कूल से की वही से दोस्तो का साथ मिला लिखने की प्रेरणा मिली और नया हूनर भी बस ज़्यादा कुछ ख़ास नही है मुझमे बस इतना है कि मैं रहता हूँ एक अलग जहां उस जहां का जाने क्या है नाम मैं खुद से रूठा रहता है आजकल अब सुबह शाम
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