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Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palविषय- सूची
प्रारम्भ के पहले दिव्य-दृष्टि
भाग-1: . धर्म शास्त्र कथन
सनातन / हिन्दू शास्त्र व मान्यता के अनुसार
बौद्ध धर्म के अनुसार
यहूदी शास्त्र के अनुसार
ईसाई शास्त्र के अनुसार
इस्लाम शास्त्र के अनुसार
सिक्ख धर्म के अनुसार
मायां कैलण्डर के अनुसार
भाग-2 : भविष्यवक्ता कथन
प्रसिद्ध भविष्यवक्ता नास्त्रेदमस के अनुसार
ज्योतिषि श्री बेजन दारूवाला के अनुसार
पुस्तक- ”अमर भविष्यवाणियाँ“ के अनुसार
पुस्तक- ”विश्व की आश्चर्यजनक भविष्यवाणियाँ“ के अनुसार
पुस्तक- ”दुर्लभ भविष्यवाणियाँ“ के अनुसार
अन्य भविष्यवक्ताओं के अनुसार
युग परिवर्तन और परिवर्तनकर्ता का शास्त्र व भविष्यवाणियों के आँकड़ों पर व्याख्या
भाग-3 : मनु और कल्कि अवतार
मनु और मनवन्तर
काल और युग परिवर्तक कल्कि अवतार
कल्कि अवतार, महाअवतार क्यों?
कल्कि महाअवतार एवं अन्य स्वघोषित कल्कि अवतार
भाग-4 : घटना-चक्र
काल का प्रथम रूप - अदृश्य काल
धर्म ज्ञान का प्रारम्भ
श्रीकृष्ण व महाभारत काल
श्री राम कृष्ण व विवेकानन्द काल (1836 ई.-1902 ई.)
भारत के स्वतन्त्रता का उच्च काल (1903 ई.-1946 ई.)
स्वतन्त्र भारत व लव कुश सिंह ”विश्वमानव“ काल (1947 ई.-2015 ई.)
सन् 2001 से सन् 2010
सन् 2011 से सन् 2015
काल का द्वितीय और अन्तिम रूप - दृश्य काल
धर्म ज्ञान का अन्त - वर्तमान समय - इतिहास लौट चुका है
सन् 2016 ई0
सन् 2017 ई0
सन् 2018 ई0
सन् 2019 ई0
सन् 2020 ई0
वर्ष 2020 ई0 में खगोलिय घटना
वर्ष 2020 ई0 में प्राकृतिक घटना
वर्ष 2020 ई0 : सार्वभौम एकात्मता-मानवता का सन्देश
वर्ष 2020 ई0 का खगोलिय सन्देश
वर्ष 2020 ई0 का प्राकृतिक सन्देश
वर्ष 2020 ई0 का सार्वभौम सन्देश
वर्ष 2020 ई0 का अवतारी सन्देश
लव कुश सिंह “विश्वमानव”
कल्कि महाअवतार के रूप में स्वयं को प्रकट करते श्री लव कुश सिंह “विश्वमानव” द्वारा प्रकटीकृत ज्ञान-कर्मज्ञान न तो किसी के मार्गदर्शन से है और न ही शैक्षिक विषय के रूप में उनका विषय रहा है। न तो वे किसी पद पर कभी सेवारत रहे, न ही किसी राजनीतिक-धार्मिक संस्था के सदस्य रहे। एक नागरिक का अपने विश्व-राष्ट्र के प्रति कत्र्तव्य के वे सर्वोच्च उदाहरण हैं। साथ ही राष्ट्रीय बौद्धिक क्षमता के प्रतीक हैं।
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