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Anjaane laxya ki yatra pe... / अनजाने लक्ष्य की यात्रा पे... कथा शैली में एक रोमांचक उपन्यास

Author Name: Mirza Hafiz Baig | Format: Paperback | Genre : Literature & Fiction | Other Details

एक कथाकार आखिर झूठ ही तो गढ़ता है। ये अलग बात है कि लोग उसके झूठ पर यकीन करने लगते हैं; तो यह उसकी क्षमता ही है।है। लेकिन कई बार कथाकार खुद अपने झूठ के जाल में उलझकर रह जाता है। वह अपने झूठ को ही आत्मसात कर बैठता है। वह अपनी कथा के पात्रों के साथ ही हसता है, रोता है।है। लेकिन उसकी कल्पना-लोक से कोई किरदार उसकी वास्तविक दुनिया में आ धमके और उसके सत्य होने का दावा करने लगे तो कथाकार पर क्या गुज़रेगी...

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मिर्ज़ा हफीज़ बेग

मैं कहानियाँ लिखता हूँ। आपकी कहानियाँ, आपके लिये। मैं इन्ही में बसता हूँ, ये मुझमे बसती हैं।हैं। मेरे खून में रहती हैं, मेरी रगों में दौड़ती हैं।हैं। यही मेरी पहचान है और यही मैं हूँ। मैं किसी तरह इनसे अलग नहीं हूँ। हकीकत में मैं खुद एक कहानी हूँ। एक सच्ची कहानी...

‌‌-मिर्ज़ा हफीज़ बेग(अपने बारे में)

इस पुस्तक से पूर्व लेखक की निम्न पुस्तकेंं प्रकाशित हो चुकी हैं-

'मेरी कहानियाँ आभासी दुनिया से-1', 'बोहनी', 'ख्वाब हक़ीकत और अफसाना', कहानी संग्रह और एक लघु-उपन्यास 'हाल-ए-दिल उनको सुनाना था'

लेखक छत्तीसगढ़ के भिलाई के रहने वाले हैं और यहींं भारत सरकार के सार्वजनिक उपक्रम 'सेल' की इकाई 'भिलाई इस्पात सन्यत्र' में कार्यरत हैं।

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