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"It was a wonderful experience interacting with you and appreciate the way you have planned and executed the whole publication process within the agreed timelines.”
Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palएहसास वही हैं जो सबके होते हैं, वही अनुभव हैं जो सब करते हैं, दुख भी वही है जो सबका होता है ।
जीवन के उन्हीं अनुभवों को, कविता और ग़ज़ल के रूप में प्रस्तुत करती है यह पुस्तक। सरल और सामान्य भाषा में मार्मिक एवं संवेदनशील विषयों को बेहद ख़ूबसूरत तरीके से कविता में पिरोना इन रचनाओं की विशेषता है।
विपुल गुप्ता 'बेख़ुद'
1981 में ऐतिहासिक भूमि पानीपत में जन्मे विपुल गुप्ता, शिक्षा से C.A., रुचि से गायक और हृदय से एक कवि हैं ।
आरंभ से ही इनकी गीत संगीत में गहरी रुचि थी, और यही कारण रहा की वित्तीय क्षेत्र में क्रियाशील रहने के बावजूद, विभिन्न पुस्तकों का पठन और वाद्य यंत्रों की शिक्षा अनवरत जारी रही ।
भाषा से प्रेम और विभिन्न विषयों पर अपना एक अलग दृष्टिकोण रखना, उनको एक नैसर्गिक लेखक बनाता है ।
उन्होंने 'बेख़ुद' उपनाम से लिखना शुरू किया और बहुत से कवि सम्मेलन और काव्य गोष्ठियों में इनकी रचनाओं को सराहना मिली ।
'बेख़ुदी', आपकी समस्त रचनाओं का प्रथम संकलन है, और इन्हीं रचनाओं में से कुछ गीतों को आपने संगीतबद्ध करके अपनी आवाज़ भी दी है जो जल्द ही उपलब्ध होंगे ।
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