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Bhatara janjati / भतरा जनजाति एक भद्र जाति

Author Name: Naveen Kumar | Format: Paperback | Genre : Educational & Professional | Other Details

वर्षों से हाशिये पर रही कई जनजातियाँ आज बदलाव के दौर से गुजर रही है और विकास के पथ पर अग्रसर है। आधुनिकता के साथ तालमेल बिठाते हुए अपनी जनजातीय अस्मिता और पहचान को बनाए रखना एक बड़ी चुनौती है। छत्तीसगढ़ और उड़ीसा मे निवासरत 'भतरा जनजाति' एक संजातीय जाति है जो अपनी विशिष्ट कला और संस्कृति के लिए प्रसिद्ध है। नृत्य, संगीत और नाटक प्रेमी भतरा जनजाति की संस्कृति की झलक सहसा ही इनके पर्व और त्योहारों मे दिख जाती है। वर्षों से अपनी संस्कृति और रीति रिवाजों को सहेजे भतरा जनजाति आज विकास की प्रक्रिया से गुजर रही है। भतरा एक कृषि प्रधान जाति है। जल जमीन और जंगल भतरा लोगों के प्राण हैं। प्रस्तुत किताब मे भतरा जनजाति के इतिहास, जीवन पद्धति, खानपान, रीति रिवाज, कला और संस्कृति के बारे मे बताने का अनूठा प्रयास किया गया है।

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नवीन कुमार

पेशे से इंजीनियर, 1982 मे पैदा हुये नवीन कुमार मूलतः जगदलपुर, छत्तीसगढ़ के निवासी हैं। इंजीनियरिंग मे स्नातक और प्रबंधन मे स्नातकोत्तर नवीन कुमार उदयमान लेखक और कवि हैं। बहुमुखी प्रतिभा संपन्न, कलम के धनी, नवीन जी, मानवीय भावनाओं को अपने लेखनी के माध्यम से कागज पर उकेरने मे सिद्धहस्त हैं। अपने पहले काव्य संग्रह "परिचय विहीन" से पाठकों के दिलों मे जगह बना चुके नवीन जी की अन्य प्रकाशित किताब है, प्रेम कहानी, कर्मा, मैं तुमसे प्यार करता हूँ और मन बैरागी।

"भतरा जनजाति" नवीन जी के द्वारा लिखित छटवीं किताब है। प्रस्तुत किताब छत्तीसगढ़ के बस्तर अंचल मे निवासरत भतरा जनजाति के बारे मे जानकारी प्रदान करती है। भतरा एक कृषि प्रधान जाति है। जल, जमीन और जंगल भतरा लोगों के प्राण है। वर्षों से अपनी संस्कृति और रीति रिवाजों को सहेजे भतरा जनजाति आज बदलाव के दौर से गुजर रही है। इस किताब के जरिए भतरा जनजाति के इतिहास, जीवन पद्धति, खानपान, रीति रिवाज, कला और संस्कृति के बारे मे बताने का अनूठा प्रयास किया गया है।

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