Share this book with your friends

Bhaviṣhyavāṇiyā aur kalki avatār / भविष्यवाणियाँ और कल्कि अवतार

Author Name: Lava Kush Singh " Vishwmanav" | Format: Paperback | Genre : Educational & Professional | Other Details

विषय- सूची


भाग-1: धर्म शास्त्र कथन


सनातन / हिन्दू शास्त्र व मान्यता के अनुसार
 अ. वेद व पुराण के अनुसार
 ब. महर्षिदयानन्द के अनुसार
 स. पं0 श्रीराम शर्मा आचार्य के अनुसार  
     द. नाड़ी ताड़ पत्ते (Nadi Palm Leaves) के अनुसार
 य. अन्य के अनुसार 
बौद्ध धर्म के अनुसार
यहूदी शास्त्र के अनुसार 
ईसाई शास्त्र के अनुसार
इस्लाम शास्त्र के अनुसार
सिक्ख धर्म के अनुसार
मायां कैलण्डर के अनुसार


भाग-2 : भविष्यवक्ता कथन


प्रसिद्ध भविष्यवक्ता नास्त्रेदमस के अनुसार
ज्योतिषि श्री बेजन दारूवाला के अनुसार
पुस्तक- ”अमर भविष्यवाणियाँ“ के अनुसार
पुस्तक- ”विश्व की आश्चर्यजनक भविष्यवाणियाँ“ के अनुसार
पुस्तक- ”दुर्लभ भविष्यवाणियाँ“ के अनुसार
अन्य भविष्यवक्ताओं के अनुसार


भाग-3 : दूसरा आगमन 


दूसरा आगमन धर्म में
 ईसाई धर्म
 इस्लाम धर्म
 अहमदिया आंदोलन
 बहाई धर्म 
 यहूदी धर्म
 रस्ताफ़री धर्म
 परमहंस योगानंद की टिप्पणी
 आधुनिक संस्कृति में
दूसरा आगमन
 दूसरा आगमन (कविता)
 दूसरे आगमन के लिए भविष्यवाणियां और दावे
 पिछली भविष्यवाणियां
 भविष्य की भविष्यवाणियां 
मसीहा दावेदारों की सूची
 यहूदी मसीहा के दावेदार 
 ईसाई मसीहा के दावेदार 
 मुस्लिम मसीहा दावेदार
 पारसी मसीहा दावेदार 
 युग्म मसीहा दावेदार 
 अन्य मसीहा दावेदार 
महदी दावेदारों की सूची
अवतार दावेदारों की सूची
मैत्रेय बुद्ध 
मैत्रेय (धर्मशास्त्र)
बुद्ध दावेदारों की सूची
सार्वभौम सत्य-सिद्धान्त अनुसार बुद्ध
स्वामी विवेकानन्द के दृष्टि में बुद्ध
सम्बन्धित विचार एवं स्पष्टिकरण
काल और युग परिवर्तक कल्कि महाअवतार
दूसरा आगमन, अन्तिम आगमन क्यों?


भाग-4 : कल्कि अवतार


मनु और मनवन्तर 
काल और युग परिवर्तक कल्कि महाअवतार
दूसरा आगमन, अन्तिम आगमन क्यों?

Read More...
Paperback
Paperback 300

Inclusive of all taxes

Delivery

Item is available at

Enter pincode for exact delivery dates

Also Available On

लव कुश सिंह “विश्वमानव”

कल्कि महाअवतार के रूप में स्वयं को प्रकट करते श्री लव कुश सिंह “विश्वमानव” द्वारा प्रकटीकृत ज्ञान-कर्मज्ञान न तो किसी के मार्गदर्शन से है और न ही शैक्षिक विषय के रूप में उनका विषय रहा है। न तो वे किसी पद पर कभी सेवारत रहे, न ही किसी राजनीतिक-धार्मिक संस्था के सदस्य रहे। एक नागरिक का अपने विश्व-राष्ट्र के प्रति कत्र्तव्य के वे सर्वोच्च उदाहरण हैं। साथ ही राष्ट्रीय बौद्धिक क्षमता के प्रतीक हैं।

Read More...

Achievements

+5 more
View All