Share this book with your friends

Buddha krishna - krishna ka bhag do aur antim / बुड्ढा कृष्ण - कृष्ण का भाग दो और अन्तिम

Author Name: Lava Kush Singh "vishwmanav" | Format: Paperback | Genre : Educational & Professional | Other Details

विषय- सूची

प्रारम्भ के पहले दिव्य-दृष्टि

भाग-1: ईश्वर, अवतार और पुर्नजन्म

भाग-2 : . विश्वात्मा/विश्वमन का विखण्डन व संलयन
सांख्य दर्शन
धर्म विज्ञान (स्वामी विवेकानन्द)
आत्मा और विश्वात्मा
अवतारी मन
विकासवाद
अवतारवाद

भाग-3 : पुर्नजन्म और काल चक्र
विश्वमानव : “वेदान्त की व्यावहारिकता”, “विश्वधर्म” और दर्शन
बुड्ढा कृष्ण : कृष्ण का भाग-दो और अन्तिम
भोगेश्वर : रावण का भाग-दो और अन्तिम

भाग-4 : घटना-चक्र

काल का प्रथम रूप - अदृश्य काल
धर्म ज्ञान का प्रारम्भ
श्रीकृष्ण व महाभारत काल
श्री राम कृष्ण व विवेकानन्द काल (1836 ई.-1902 ई.)
भारत के स्वतन्त्रता का उच्च काल (1903 ई.-1946 ई.)
स्वतन्त्र भारत व लव कुश सिंह ”विश्वमानव“ काल (1947 ई.-2015 ई.)
काल का द्वितीय और अन्तिम रूप - दृश्य काल
धर्म ज्ञान का अन्त - वर्तमान समय - इतिहास लौट चुका है
वर्ष 2020 ई0 का खगोलिय सन्देश
वर्ष 2020 ई0 का प्राकृतिक सन्देश
वर्ष 2020 ई0 का सार्वभौम सन्देश
वर्ष 2020 ई0 का अवतारी सन्देश


भाग-5 
लव कुश सिंह “विश्वमानव”
परिचय
समाज रचना और व्यापार का आधार
सृष्टि, ईश्वरीय समाज और व्यापार
विश्व सरकार के लिए पुन: भारत द्वारा शून्य आधारित अन्तिम आविष्कार

Read More...
Paperback
Paperback 600

Inclusive of all taxes

Delivery

Item is available at

Enter pincode for exact delivery dates

Also Available On

लव कुश सिंह “विश्वमानव”

कल्कि महाअवतार के रूप में स्वयं को प्रकट करते श्री लव कुश सिंह “विश्वमानव” द्वारा प्रकटीकृत ज्ञान-कर्मज्ञान न तो किसी के मार्गदर्शन से है और न ही शैक्षिक विषय के रूप में उनका विषय रहा है। न तो वे किसी पद पर कभी सेवारत रहे, न ही किसी राजनीतिक-धार्मिक संस्था के सदस्य रहे। एक नागरिक का अपने विश्व-राष्ट्र के प्रति कत्र्तव्य के वे सर्वोच्च उदाहरण हैं। साथ ही राष्ट्रीय बौद्धिक क्षमता के प्रतीक हैं।

Read More...

Achievements

+5 more
View All