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Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Pal‘बस कुछ घड़ी और’ इस काव्य-संग्रह को लिखना मेरे लिए बहुत अच्छा अनुभव रहा। इसकी रचना के दौरान कई क्षण ऐसे थे जब मैं मेरी कल्पना में इतना खो गया कि वास्तविकता और कल्पना की बीच की रेखा का मुझे ध्यान ही नहीं रहा। स्वयं को नियंत्रित न करते हुए मेरे हृदय ने मुझसे जो लिखने के लिए कहा मैंने वही लिखा है। यह काव्य-संग्रह अपने आप में अप्रतिम है क्योंकि मेरे अनुसार सबसे उत्तम काव्य वही है जिसमें भाव की प्रधानता हो और अगर इसमें संकलित कुछ काव्यों को लिखते हुए मेरी आंखे नम हो गईं तो इसका ये अर्थ है की मैं भावनाओं को ठीक तरीके से उतार पाने में सक्षम हुआ हूँ, अब मैं कितना सही हूँ कितना गलत ये बताने का काम मैं आप पर छोड़ता हूँ।
अर्पित मौर्य 'अद्वैत'
अर्पित मौर्य 'अद्वैत' एक लेखक एवं कवि हैं। अर्पित का जन्म जौनपुर के निकट अर्गूपुर कला नामक गाँव में हुआ अर्पित की प्राथमिक शिक्षा यहीं से हुई उसके पश्चात की शिक्षा इन्होंने दिल्ली से ग्रहण की और वर्तमान समय में अर्पित दिल्ली से ही शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। इनकी माता का नाम रेनू देवी है तथा पिता लालचंद मौर्य हैं। अर्पित को पढ़ने का शौक बचपन से ही लग गया था। उनके दादा, राम प्रीति मौर्य ने इस रुचि को विकसित करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। अर्पित की शिक्षा-दीक्षा पर उन्होंने विशेष ध्यान दिया। 12 वर्ष की आयु में अर्पित ने उपन्यास एवं कविताओं को लिखना प्रारंभ कर दिया था।
अद्वैत हिन्दी, अंग्रेजी और उर्दू तीनों भाषाओं में रचना करने में सक्षम हैं। अर्पित साहित्य की सभी विधाओं में रचना करने के प्रयास में हैं और उन्हें उनमें से कुछ में सफलता भी मिली है। उनके द्वारा लिखे गए उपन्यास, लिक्विड मैसेंजर ऑफ डेथ, अचिविंग हाइट्स और एन इंक्रेडिबल मैन हैं जो अंग्रेजी भाषा में प्रकाशित हुए और उनके द्वारा लिखे गए काव्य-संग्रह, कुछ कल्पनाएं, मृगतृष्णा एवं मुंतशिर पर मुख़्तलिफ़ हैं। अद्वैत मुख्यतः संयोग शृंगार रस, वियोग शृंगार रस एवं रौद्र रस में लिखते हैं, विशेषकर वियोग शृंगार रस में। साथ ही साथ ये प्रकृति के भी कवि हैं, अपनी रचनाओं में प्रकृति के सौन्दर्य का अप्रतिम वर्णन करना अद्वैत भली-भांति जानते हैं। एक उपन्यासकार के तौर पर भी अद्वैत का हमेशा यही प्रयास रहा है कि उनका उपन्यास सिर्फ मनोरंजन के लिए ही महत्व न रखकर पाठक के जीवन पर भी कुछ सकारात्मक प्रभाव डाल सके। एक प्रगतिशील लेखक होने के लिए जो गुण होने चाहिए अद्वैत उन पर पूर्णतः खरे उतरते हैं।
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