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Gyanam Sarvam Sanatanam / ज्ञानं सर्वं सनातनं कुछ मुख्य सनातन धर्म ग्रंथों का संक्षिप्त परिचय

Author Name: Dr. Sachin Mishra | Format: Paperback | Genre : Educational & Professional | Other Details

इस सनातन ज्ञान विरासत को अपने धर्म एवं कर्मों द्वारा आने वाले पीढ़ी को सौपने के लिए ही मैंने “ब्रह्मराष्ट्र एकम” नामक एक सनातन धर्म संस्था शुरू करने के बारे में विचार किया और विलुप्त होती कुछ आचरण एवं संस्कृति को पुन: जीवित रखने की एक कर्तव्य भाव भी मन में उजागर हुआ|  तभी अपने माता-पिता, गुरुजनों एवं अन्य सगे संबंधी, मित्र आदि के प्रचोदन एवं मार्गदर्शन से “ब्रह्मराष्ट्र एकम” का शुरुवात हुआ| 

इस संस्था के अंतर्गत कई संत महात्माओं को सम्मिलित कर के बहुत सारे आयोजनों के शृंगला भी शुरू होने लगा|  मगर कहीं न कहीं कुछ बात अधूरा सा लग रहा था|

तभी मेरे मन में “ब्रह्मराष्ट्र एकम” संस्था के तरफ से एक ऐसा पुस्तक का लिखना एवं प्रकाशन की बात आयी|  एक ऐसा पुस्तक जिसमें वेद, उपनिषद, वेदांग, पुराण, रामायण, महाभारत, भगवद्गीता, रामचरित मानस एवं हनुमान चालीसा तक के संक्षिप्त विवरण हो|     ये तो समझ गया हूँ की भारत के अधिकांश हिन्दुवों को आखिर वेद क्या है, उपनिषद क्या है इतना भी जानकारी नहीं है| 

इसलिए “ज्ञानं सर्वं सनातनं” नामक इस पुस्तक का उदय हुआ| 

इस एक पुस्तक में बहुत कम एवं सरल शब्दों में चारों वेद, दशोपनिषद, छः वेदांग, अठारह पुराण आदि के साथ साथ रामायण, महाभारत, भगवद्गीता, रामचरित मानस एवं हनुमान चालीसा का भी सरल एवं संक्षिप्त परिचय देने की कोशिश किया गया है| यह तो सही है कि इसमें सारे सनातन ग्रंथों को लिया नहीं गया है मगर यह एक शुरुवात है आगे इस तरह के और भी पुस्तकों को प्रकाशित करने की योजना में है जिसमें बाकी ग्रंथों का भी परिचय दिया जाएगा| 

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डॉo सचिन मिश्रा

डॉ० सचिन मिश्रा  केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण केंद्र (सी०पी० सी०) के संस्थापक हैं, जो 2005 में वाराणसी में बायोमेडिकल वेस्ट प्रबंधन के लिए स्थापित एक साझेदारी फर्म है। बाद में, इस साझेदारी फर्म को कंपनी में बदला गया ताकि इसका व्यापार अन्य क्षेत्रों में विस्तार किया जा सके, जिसे सी० पी० सी०  पॉवर इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के नाम से जाना जाता है। इसका उद्देश्य वाराणसी को स्वच्छ शहर में परिवर्तित करने की थी, और 18 साल की मेहनत के बाद, उन्होंने वाराणसी को बायोमेडिकल वेस्ट के बहुत बड़े हिस्से से मुक्त कराने में सफलता हासिल की। आज उत्तर प्रदेश में  सी०पी० सी० पॉवर इंडिया प्राइवेट लिमिटेड बायोमेडिकल वेस्ट निपटान के क्षेत्र में अग्रणी कंपनियों में से एक है।

डॉ० सचिन मिश्रा की यात्रा 2005 में शुरू हुई जब बीमारियों जैसे डायरिया और डेंगू वाराणसी में फैल रही थीं, जो मेडिकल हब के रूप में विकसित हो रही थी। अस्पतालों से निकलने वाले अपशिष्ट लोगों के आवासीय क्षेत्रों में डंप हो रहे थे। जब उन्होंने बायोमेडिकल वेस्ट प्रबंधन के लिए सी० पी० सी० पॉवर इंडिया प्राइवेट लिमिटेड की नींव रखी, तो उन्हें कई सवालों का सामना करना पड़ा, लेकिन उन्होंने अपनी प्रतिबद्धता में दृढ़ता से खड़ा रहा। उनके प्रयासों के परिणामस्वरूप, वाराणसी में करीब 80-90% अस्पताल सी०पी० सी० पॉवर इंडिया प्राइवेट लिमिटेड से जुड़े हुए हैं।

बायोमेडिकल वेस्ट प्रबंधन के अलावा, डॉ० सचिन मिश्रा ने कई अन्य सामाजिक और पर्यावरणिक मुद्दों में भी योगदान दिया है। उन्होंने 2020 में प्लास्टिक वेस्ट प्रबंधन के मुद्दे को समझने के लिए रीसाइक्लो पॉवर की स्थापना की और प्लास्टिक-मुक्त भारत अभियान से जुड़े रहे हैं। उन्होंने कई सरकारी और गैर-सरकारी संगठनों से संपर्क स्थापित किए हुए हैं ताकि वे अन्य विभिन्न सेवा क्षेत्रों में अपना योगदान दे सकें। उन्होंने मुफ्त भोजन कार्यक्रम, पर्यावरण संरक्षण, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, गरीबों के लिए रोजगार, खुशहाल विद्यालयों का निर्माण, चिकित्सा वितरण कार्यक्रम, पेयजल व्यवस्था, और रजाई वितरण आदि कई पहलों पर काम किया है। उन्होंने 5000 से अधिक पौधों को लगाया है और 70% पौधों की सुरक्षा के लिए पेड़ रक्षकों को स्थापित किया है।

डॉ० सचिन मिश्रा के कार्यों को कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने मान्यता दी और सम्मानित किया है। उन्हें अंतरराष्ट्रीय हिन्दी उत्सव सम्मान मिला है, जो कि मलेशिया, इंडोनेशिया, पोर्ट लुई मॉरीशस और दुबई में सम्पन्न हुआ है|  वाराणसी में पर्यावरण प्रशस्ति पुरस्कार, ABP न्यूज चैनल अवार्ड्स जैसे सम्मान जिन्हें संपादक श्री राज किशोर जी ने प्रदान किए हैं|  उनके महान सेवा कार्य के लिए इंटरकॉन्टिनेंटल क्वालिटी अवार्ड द्वारा मुंबई में 2020 में उत्कृष्ट उद्यमी,  2021 में अनमोल रत्न,  2022 में आइकॉन ऑफ एशिया और 2022 में राष्ट्रीय गौरव सम्मान जैस

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