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KAMYABI / कामयाबी

Author Name: Ram Pratap Singh | Format: Paperback | Genre : Biographies & Autobiographies | Other Details

कामयाबी के पीछे मत भागो अपितु काबिल बनो| जब आप काबिल होंगे तो कामयाबी आपके पीछे चलकर आएगी| सफलता जन्म सिद्ध अधिकार नही, कर्म सिद्ध अधिकार है| दो अक्षर का लक, ढाई अक्षर का भाग्य, तीन अक्षर का नसीब इन तीनों को बनाने वाला चार अक्षर की मेहनत है| मिट्टी देना  प्रकृति का काम है मगर उसे मंगल कलश बनाना इंसान का काम है| कामयाबी  का रास्ता लंबा और कठिनाइयों भरा होता है | कामयाबी पाने के लिए एक लंबी छलांग लगाकर नहीं बल्कि हर एक सीढ़ी को चढ़ना होता है| कामयाबी हाथों की लकीरों में नहीं माथे के पसीने में होती है| यह ऐसी ही कहानियों का कहानी संग्रह है |               

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राम प्रताप सिंह

राम प्रताप सिंह भारतीय सेना, मैकनाइज्ड इनफेन्ट्री रेजीमेंट व सीमा सुरक्षा बल में एक सैन्य अधिकारी थे | उन्हे सैन्य सेवा का 36 वर्षों का अनुभव है| उन्होंने MA (English),LLM, PGDHR (Post Graduate Diploma in Human Rights), DLL&LW (Diploma in Labour Laws and Labour Welfare), Diplomaa in Cyber Laws, MDBA (Master Diploma in Business Administration) में मास्टर्स डिग्री व डिप्लोमा हासिल किया है |सैन्य सेवा से मुक्त होने के बाद उन्होंने वकालत का पेशा भी अपनाया|अब वह अपना पूरा समय पठन-पाठन व लेखन में देते हैं |“कामयाबी” उनका 32 वां उपन्यास है |

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