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Kavi Ki Kalpana Ke Chamatkar Se Sakshatkar / कवि की कल्पना के चमत्कार से साक्षात्कार

Author Name: Arvind Yadav | Format: Hardcover | Genre : Biographies & Autobiographies | Other Details

आजकल, प्रश्न यह भी पूछा जा रहा है कि, आखिर क्यों कवि सम्मेलनों का स्तर पहले जैसा नहीं रहा? कुछ हद तक यह बात सही भी है कि स्तर पहले जैसा नहीं रहा। इसके कई कारण हैं। आजकल कवि सम्मेलनों में चुटकुले ज्यादा सुने-सुनाये जा रहे हैं। पर कवि करे भी तो क्या करे? साहित्यिक रचनाएँ कोई सुनना नहीं चाहता। अच्छी रचनाएँ मंच पर पिट जाती हैं। मजबूर होकर कवि को श्रोताओं की पसंद को ध्यान में रखकर, बिना मन के फूहड़ रचनाएँ सुनानी पड़ती हैं। दोष श्रोताओं का भी है।

काव्यकला, साहित्य, हास्य का पतन हो गया।
चुटकुलों का अब मंचों पर चलन हो गया।।

अरविंद यादव अपने कलमकार होने का धर्म बखूबी निभा रहे हैं। वे उम्दा और उच्च कोटि के पत्रकार हैं। कई दिग्गजों कवियों की विधाओं तथा उनके विचारों से पाठकों को परिचित कराने का उनका प्रयास सराहनीय है। उनके इस कार्य के लिए मैं उन्हें हार्दिक बधाई तथा भविष्य के लिए हार्दिक शुभकामनाएँ देता हूँ।

जीवन में सुख-दुख का अनुपात नहीं होता,
मृत्यु पर्यंत कोई आजाद नहीं होता।
तर्कों से तुम चाहो दिखला दो विद्वत्ता,
भावों का शब्दों में अनुवाद नहीं होता।।

नरेंद्रराय 
सुप्रसिद्ध कवि, लेखक,  चित्रकार व शिक्षक 

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अरविंद यादव

अरविंद यादव पत्रकार और लेखक हैं। पत्रकार के नाते उन्होंने बहुत कुछ देखा, सुना और अनुभव किया है। काफी कहा और बहुत लिखा है। कथनी और लेखनी के जरिये असत्य, अन्याय, भ्रष्टाचार के खिलाफ उन्होंने लड़ाई लड़ी है और अब भी लड़ रहे हैं। समाज में दबे-कुचले लोगों के लिए किये जा रहे संघर्ष ने उन्हें पत्रकारों की फौज में अलग पहचान दिलायी है। पिछले दो-तीन सालों से उनका ज्यादा ध्यान ऐसे लोगों के बारे में कहानियाँ/लेख लिखने पर है, जो देश-समाज में सकारात्मक क्रांति लाने में जुटे हैं। कामयाब लोगों के जीवन से जुड़े अलग-अलग पहलुओं को जानना और उन्हें लोगों के सामने लाने की कोशिश करना अब इनकी पहली पसंद है।

अरविंद साहित्यिक कहानियाँ भी लिखते हैं। आलोचना में भी उनकी गहन दिलचस्पी है। हिन्दी आलोचना की वाचिक परंपरा के हिमायती हैं।    

हैदराबाद में जन्में और वहीं पले-बढ़े अरविंद की सारी शिक्षा भी हैदराबाद में ही हुई। अरविंद  ने हिन्दी साहित्य, अंग्रेज़ी साहित्य, कानून, विज्ञान और मनोविज्ञान की पढ़ाई की।

वे दक्षिण भारत की राजनीति और संस्कृति के बड़े जानकार हैं। खबरों और कहानियों की खोज में कई गाँवों और शहरों का दौरा कर चुके हैं। यात्राओं का दौर थमने वाला भी नहीं है।

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