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Kavya Manjari (Children's Poems) / काव्य मंजरी ( बाल कविताएँ )

Author Name: Dr. G. Bhakta | Format: Paperback | Genre : Poetry | Other Details

बाल कविताएँ चित्ताकर्षक और ह्रदयाह्रलादक भूमिका में बाल साहित्य को सुशोभित और मुखरित करती हैं। काव्य कला का यह क्षेत्र साहित्य का जितना मर्मस्पर्शी स्वरूप में खड़ा कर पाता है जो त्रिकाल तक जीवन को ओठों पर गुंजायमान पाता है।

साहित्य की भूमि पर उगे उपवन में काव्य के कोमल कुंज उनके किश्ल्य, मंजर, कुसुम कलिकाएँ उनकी पंखुड़ियों के विविध रंग गंध और छटा बाल भावनाओं को सरस्वती मंदिर का सौरभ प्रदान करता है जो मनोहारी ज्ञान प्रकाशक और अज्ञानता का निवारक गायन में मुखरित होता है।

काव्य कला की रचना धर्मिता में ज्ञान का उद्घोष युगधर्म के साथ युगबोध का प्रबोधक परिवेश उत्पन्न करता है जो कभी वेद की ऋचाएँ होती थी, सुरसरिता थी, आज की कविता कही जाती है। कवि का हृदय शारदा को मंदिर-सा सौभ्य, सुरभ्य वह सुगम एवं सुलभ सौन्दर्य ही नहीं शैर और सुधपान भी करता है। मलिक काव्य क्रिश्लय काव्यगारी काव्य कुसुम काव्य कलिका लघुकाव्य जन हुंकार मुर्च्छना के स्वर अंग्रेजी में मेमोराजर तथा लिट इनफलो धान श्रृंखला निवेदन बाल रखा।

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डा. जी. भक्त

डा. जी. भक्त अपनी साहित्यिक सेवा को समाज के लिए समर्पित किया है जिसमे शिक्षा, समाज कल्याण और चरित्र निर्माण का ही लक्ष्य निखरता है।

 जहाँ भक्त जी की होमियोपैथिक औषधियाँ रोग निवारक है वैसी ही उनकी कविताएँ भी जीवन दायिनो है। काव्य का निहितार्थ सत्ता पर आरोप के उद्घोष नहीं, नागरिकों के सम्बनधों में विश्वास जगा पाने की शिष्ट कल्पना है। कवि देश में जनतंत्र की सुदृढ़ नीव के समर्थक हैं।

मैं आशा एवं विश्वास दोनों ही दृष्टि से कामना करता हूँ कि शिक्षा के परिवेश में प्रकृत्या आती गिरावट को नयी ऊर्जा प्रदान करने में डा. जी. भक्त की हिन्दी एवं अंग्रेजी में प्रस्तुति अपनी सार गर्मिता लालित्य और युगधर्म के लिए अवश्य सराही जायेगी।

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