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Kosi Ke Vat Vriksh / कोसी के वट वृक्ष

Author Name: Pushyamitra | Format: Paperback | Genre : Educational & Professional | Other Details

'कोसी के वट वृक्ष' उन बुजुर्गों की कहानी है जो 2008 में आयी कोसी के बाढ़ के बाद न केवल खुद तनकर खड़े हुए बल्कि दूसरों को भी संरक्षण भरी छाँव देते रहे हैं । यह एक उम्मीद भरी कहानी है, वह भी ढलते सूरज की उम्मीद। वह बरगद जो छाया देता है, वह जो कभी बूढ़ा नहीं होता। यह किताब बुजुर्गों के लिए आपके मन में बसे कई धारणाओं को खंडित करने का काम करेगी । घुमंतू पत्रकार और लेखक पुष्यमित्र ने बड़े मनयोग से इसे लिखा है ।

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पुष्यमित्र

पुष्यमित्र घुमंतू पत्रकार हैं, वे कोसी के इलाके के पूर्णिया जिले के धमदाहा गांव के निवासी हैं और फिलहाल पटना में रहकर स्वतंत्र पत्रकारिता, लेखन और सामाजिक शोध आदि का कार्यों से जुड़े हैं। वे 15 साल से अधिक पत्रकारिता कर चुके हैं। इससे पहले भी वे कोसी नदी से सम्बंधित दो उपन्यास ‘रेडियो कोसी’ और ‘सुन्नैर नैका’, तथा एक रिपोर्ताज ‘फरकिया’ लिख चुके हैं। इन्होंने चंपारण सत्याग्रह की कथा पर आधारित इतिहास पुस्तक ‘जब नील का दाग मिटा-चंपारण 1917’ और 'रुकतापुर' भी लिखी है जो राजकमल प्रकाशन से प्रकाशित हुई है। उत्तर बिहार की नदियां, चमकी बुखार, जल संपदा और पर्यावरण के मसलों पर सक्रिय होना इन्हें खास तौर पर पसंद है।

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