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kshitij se pare ... (ek nai udaan) / क्षितिज से परे ... (एक नई उड़ान)

Author Name: Renu Prasad | Format: Paperback | Genre : Self-Help | Other Details

क्षितिज के परे ...( एक नई उड़ान ) विचारों की एक कड़ी है |

हम जिस परिवार, समाज ,राष्ट्र में रहते हैं वहां पारिवारिक ,सामाजिक, राजनीतिक, सांस्कृतिक सम्बन्धी अनेक गतिविधियाँ चलती रहती हैं और चलनी भी चाहिए क्योंकि ये सब उनकी बेहतरी और विकास के लिए होती हैं |लेकिन कई बार कुछ गतिविधियाँ जो स्वार्थ लालच और दिखावे से भरी होती हैं हमारे मन में कई सवाल खड़े कर देती हैं |

हमारा मन यह सोचकर उद्वेलित हो उठता है कि ऐसा क्यों हैं ?लोग समाज हित ,राष्ट्र हित को भूलकर स्वहित को ज्यादा महत्त्व देने लगे हैं |परिवार के सदस्य सिर्फ अपने ही सुख पर ध्यान देने लगे हैं |स्वार्थ ने इस कदर अंधा बना दिया है कि विवेक शक्ति शून्य पड़ गयी है |

आधुनिकता की दौड़ में हमारी सोच ,रीति रिवाज ,मान्यताओं में भी बदलाव आता जा रहा है |सकारात्मक बदलाव तो प्रशंसा के काबिल हैं पर नकारात्मक बदलाव दिल को दुखानेवाले होते हैं और नए तरीकों से सोचने पर विवश कर देते हैं |

जहां पीत पत्रकारिता (yellow journalism)राष्ट्र के चौथे स्तंभ की नींव पत्रकारिता को धराशायी करने पर तुली हुई है तो वहीं देश की शिक्षा व्यवस्था इतनी व्यावसायिक हो गयी है कि पढ़ाई से ज्यादा नंबर गेम ( number game ) का रूप लेती जा रही है|
कहीं -कहीं धार्मिक आस्थाओं में विश्वास करनेवालों की कथनी और करनी में बहुत अंतर देखने को मिलता है ,धर्म के नाम पर लोग समाज को बांटने में भी लगे हैं |
आधुनिक नारी पर घर और बाहर की दोहरी मार और उनका शोषण भी एक शोचनीय विषय है| 
समाज में डिप्रेशन की समस्या भी बढती जा रही है और इसका एकमात्र हल है हमारी सकारात्मक सोच

इस किताब में इन सारे विषयों पर नए विचार रखने की कोशिश की गयी है |

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रेणु प्रसाद

हिंदी साहित्य जगत में एक प्रतिष्ठित साहित्यकार के रूप में अपनी पहचान बनाने वाली रेणु प्रसाद झारखंड प्रान्त के बोकारो स्टील सिटी की निवासी हैं |ये हिंदी साहित्य में एम. ए. हैं और यहाँ के प्रसिद्ध संत जेवियर्स विद्यालय में 35 वर्षों के शिक्षण कार्य का इन्हें अनुभव है |

जीवन के प्रति सकारात्मक सोच रखने वाली रेणु प्रसाद की सात रचनाएं प्रकाशित हो चुकी हैं ,जिनमें काव्य संकलन ‘अभिव्यक्ति मन की ..’ उपन्यास ‘नए सफ़र की ओर’  ‘चन्द्रमहल’ तथा प्रमिला (दो भागों में) और  कहानी संग्रह ‘कोई तो हमें थाम लो ’ और ‘अकुलाहट’ हैं | इनकी हर रचना जीवन के नए रूप से हमारा परिचय कराती है |

इनकी कहानियाँ और लेख विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में और सोशल मीडिया में प्रकाशित होते रहते हैं और इन्हें  इसके लिए कई बार पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है |

रेणु प्रसाद एक ब्लॉगर के साथ- साथ पॉडकास्टर भी हैं |

प्रस्तुत पुस्तक ‘क्षितिज से परे..’ (एक नई उड़ान) विचारों की एक कड़ी है जो विषयों की मानक सीमा से थोड़ी हटकर है |

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