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Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palयह किताब निकुंज द्वारा लिखी गई कुछ कविताओं का संकलन है जो उसके निजी जीवन में हुए अलग अलग अनुभवों से प्रेरित है जैसे की उसका हॉस्टल में रहना या कई दिनों बाद अपनी माँ के पास घर लौट के आना या अपने पिता को अपनी बड़ी बहन की शादी में भाव-विभोर होते देखना। साथ ही निकुंज ने अपनी कविताओं में उन अलग अलग बातों से भी प्रेरणा ली है जो आज के समय में महत्वपूर्ण हैं और जिनके बारे में हम सबको बात करनी चाहिये जैसे की औरतों पर होते अत्याचार या मज़हब के नाम पर होते क़त्ल। निकुंज ने इनका वर्णन कहीं अपने अनुभवों के द्वारा किया है, तो कहीं हल्के फुल्के कटाक्ष के साथ या कहीं रूपक तौर पे। सब मिलाकर, ये एक आज के युवक द्वारा लिखी गयी आज ही के बारे में कुछ कवितायें हैं जिन से इसके पढ़ने वाले अपने आप को जुडा़ हुआ महसूस करेंगे।
Nikunj Iti Maheshwari
निकुंज एक 25 वर्षीय युवक हैं जो 12 साल की उम्र से कवितायें लिख रहे हैं। निकुंज मौलिक रूप से भोपाल के निवासी हैं। दो साल हैदराबाद के आईवी लीग अकादमी स्कूल से 11वीं तथा 12वीं कक्षा पढ़कर दिल्ली विश्वविद्यालय के हॅसराज कॉलेज से अर्थशास्त्र में स्नातक डिग्री प्राप्त की।
फिर गूगल भारत एवं ऑस्ट्रेलिया के साथ 4.5 साल काम किया और अब दिल्ली के अशोका विश्वविद्यालय में यंग इंडिया फ़ैलोशिप के छात्र हैं। निकुंज ने कवितायें लिखने की प्रेरणा अपनी माँ से ली जो खु़द भी कवितायें लिखती हैं। निकुंज देवदत्त पटनाईक, हिलरी क्लिंटन एवं जे.के.रौलिंग द्वारा लिखी गई किताबों को पढ़ना पसंद करते हैं। खाली समय में निकुंज कवितायें तो लिखते ही हैं साथ ही उन्हें चित्रकारी करना एवं नई जगहों को जानना भी पसंद है।
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