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Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Pal'लाल मन' शीर्षक का अर्थ है, 'ऐ रेड माइंड', माने सूजे हुए विचार. ये क़िताब का अधिकतम हिस्सा लॉकडाउन के समय में लिखा गया है. इससे शायद आप समझ सकते है की लेखिकी में सूजन क्यूँ आयी होगी? लालमन एक नौयुवक है जो की भारत के एक महानगर में रहता है. वो अपने आसपास के वातावरण से बहोत प्रभावित है. लालमन की कहानी आदर्श और यथार्थ के बीच में झूलते रहती है. वो कोई तैराकी के तरह इस द्वन्द के सागर को पार करने में लगा हुआ है. एक के बाद एक, जब तेज लहरों सी गिरती हुई जीवन के बहुरुपी बज्र लालमन की पसलियों को तोड़ने में उतारू रहते हैं, वो इनसे जूझता हुआ, गिरता संभलता हुआ, टूटे हुए सपनों के ढेर बटोरता हुआ, अपने आप को दूसरे-तीसरे पड़ाव में पाने लगता हैं. इस पुस्तक के माध्यम से रोहित ने शहर में पलायन किये हुए माइग्रेंट वर्कर्स के जीवनचित्र का वर्णन करने की गुस्ताखी की हैं.
रोहित शर्मा
रोहित की ये दूसरी किताब है. रोहित की पहली किताब 'अंतर्मन से कभी कभी' उसने स्वतः प्रकाशित की थी. रोहित मैहर नाम के कसबे का रहने वाला है. यहाँ अपनी जानकारी देते हुए वो भीषण द्वन्द में है की क्या बता दे अपने बारे में? उम्र 28 है, इसका गम भी है. अब है तो है! लेखक बनने का कोई मूड नहीं है. अभी समय मिल गया और कुछ मन से लिखर गया तो आपके सामने हाजिर है किताब. लिखने का जो थोड़ा बहोत शौक हो गया है वो शायद हालात के कारण है. कविताएं ऐसे ही थोड़े दिमाग की घंटी बजाने लगती है! पढ़ाई लिखाई में मैकेनिकल से इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की है. तो इंजीनियर क्यों नहीं हैं? हाहा! सुनिए, नौकरी कर चुके है. सीखे भी है उससे. अरे हाँ, घूमना अच्छा लगता है, पर घूम नहीं पाए! इसी प्रकार की एक लम्बी सूची है. एक दम इंसानी करतूते है! गौरतलब है की कोई हमेशा हसते रहने वाला रोबोट नहीं है.
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