Share this book with your friends

Madhur Spandan / मधुर स्पन्दन

Author Name: Arun Kumar Jain | Format: Paperback | Genre : Poetry | Other Details

'मधुर स्पन्दन' किशोरावस्था से अनभूत होने वाले अद्भुत, अलौकिक, स्वप्रिल प्रेम -संसार को लेकर प्रौढ़ावस्था तक इसके विभिन्न स्वरुपों को दर्शाने वाला एक अनुपम दस्तावेज है। इस पुस्तक में उस अद्भुत सुख की अनुभूति है, जो दो प्रेमियों को मिलने पर होती है, साथ ही बिछुड़ने पर या न मिल पाने पर होने वाले वियोग को भी इसमें दर्शाया है। 
प्रेम एक अलौकिक अनुभूति है, जिसने किया, जिससे किया सिर्फ उन्हें ही इस सुखद अनुभूति का रसास्वादन मिलता है। प्रेम पवित्र है, सृजनात्मक है, प्रेरक है| विश्वास है, मधुर स्पन्दन की कविताएँ किशोर, युवा वर्ग द्वारा सराही जाएँगी।

Read More...
Paperback
Paperback 190

Inclusive of all taxes

Delivery

Item is available at

Enter pincode for exact delivery dates

Also Available On

अरुण कुमार जैन

२३ दिसम्बर-१९५७ को ललितपुर, उत्तर प्रदेश में जन्मे श्री अरुण कुमार जैन प्रतिष्ठित हिन्दी साहित्यकारों में हैं। १९६९ से उनकी रचनाओं का प्रकाशन देशभर की पत्र-पत्रिकाओं में हुआ है। अभी तक 3 हजार से अधिक रचनाओं का प्रकाशन हुआ। १४ पुस्तकों का लेखन इनके द्वारा किया गया है। भारतीय रेल के सिविल इंजीनियर श्री अरुण जैन १९८१ से आकाशवाणी के फरीदाबाद, छतरपुर, जबलपुर व कटक केंद्रों से जुड़े हुए हैं। भारतीय दूरदर्शन के लिए भी इन्होंने कार्यक्रम बनाए हैं। ये लगभग 50 पुरस्कारों से सम्मानित हैं। इनमें भारत सरकार के रेल मंत्रालय द्वारा व उड़ीसा शासन द्वारा दिए गए सम्मान भी हैं। इनकी लेखन विधा में गद्य, पद्य, कहानी, नाटक व लेख भी हैं। इनका उपन्यास संजोग बहुचर्चित रहा है। २०१७ से अमृत हॉस्पिटल फरीदाबाद में महत्वपूर्ण कार्य का निर्वहन कर रहे श्री अरुण आचार्य श्री विद्यासागरजी महाराज व माता अमृतानंदमयी देवी को अपना आदर्श मानते हैं। इनकी रुचियों में पौधारोपण व लोगों को शिक्षित करना व एक स्वस्थ समाज के निर्माण का है। विगत 3 वर्षों से इनके द्वारा एक पाठशाला का भी संचालन हो रहा है, जिसमें 60 से अधिक श्रमिक बच्चे पढ़ते हैं।

Read More...

Achievements

+8 more
View All