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Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palमहाकाल शनि मृत्युंजय स्तोत्र सभी अल्पायु, अकाल मृत्यु से बचने का सरल मार्ग है। पार्वती माता ने जनकल्याण हेतु देवादिदेव महादेव से प्रार्थना की इस पर प्रस्सन होकर भगवान् शिव जी ने महाकाल शनि मृत्युंजय स्तोत्र बताया था। आप सभी के समक्ष प्रस्तुत करने का उद्देश्य यह है, कि आप सभी शनि देव के इस चमत्कारी स्त्रोतम को भली भांति प्रकार से समझ पाएं । शनि एक संस्कृत शब्द है। ‘शनये कमति सः’ जिसका अर्थ है ‘अत्यन्त धीमा’। जिस कारण शनि की गति बहुत धीमी है। शनि की गति भले ही धीमी हो पर फल देने में सबसे तीव्र है। शनि देव सूर्य देव के पुत्र होने के कारण बहुत ही शक्तिशाली हैं, शनि देव का तेज़ और शक्ति देवताओं में सर्वमान्य है। शनि देव अत्याधिक क्रोधी एवं दयालु हैं। जिस कारण मानवों और देवताओ में शनि देव का डर व्याप्त है। भगवान शनि देव को न्याय का देवता माना जाता है, क्योंकि शनि देव पाप करने वालों को और अन्याय करने वालों को अपनी दशा या अंतर दशा में दण्डित करते हैं। शनि देव ऐसा इसलिए करते हैं ताकि वह प्रकृति के नियम को बनाए रखें और प्रकृति का संतुलन बना रहे।
गुरु गौरव आर्य
गुरु गौरव आर्य ज्योतिष के क्षेत्र में एक प्रसिद्द नाम है । गुरु सदैव प्रायसरत रहते है की सही मायने में आध्यात्मिक शक्ति क्या है? उसका ज्ञान सबको प्राप्त हो और हमारे ऋषि मुनि हमें क्या विरासत में देकर गए है उसकी खोज निरंतर करते रहते है। प्रथम श्रेणी में इंजीनियरिंग की उपाधि प्राप्त करने के उपरांत और काफी वर्षो तक इंजीनियरिंग प्रोजेक्ट्स पर कार्य करने के उपरांत वर्तमान में ऑकल्ट साइंस पर ही कार्य करते है और नयी-नयी जानकारी एकत्र करके जानकारी देते रहते है। वर्ष २०१७ में ज्योतिष श्री और वर्ष २०१८ में ज्योतिष विभूषण और २०१९ में बेस्ट एस्ट्रोलॉजर से भी प्राप्त हो चूका है। गुरु, असमान्य गतिविधियाँ और उनके कारण क्या है? उसके लिए भी जाने जाते है। साधको को अध्यात्म मार्ग का सही उपदेश देते रहते है, और भारत की इस गुप्त पद्धति को संजोकर रखने का प्रयास निरंतर कर रहे हैं। मंत्र दीक्षा और साधना विधान का ज्ञान निरंतर अपने शिष्यों को देते रहते हैं। आने वाली अपनी नवीनतम पुस्तकों के माध्यम से भी इन रहस्यों को उजागर करते रहेंगे। यन्त्र तत्त्वं, श्री शनि संहिता, आदि पुस्तकों की रचना कर चुके है।
गुरु गौरव आर्य
ज्योर्तिविद्चार्य एवं अनुसंधानकर्ता
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