Share this book with your friends

mere jajbat / मेरे जज़्बात

Author Name: Shashi Kumar | Format: Paperback | Genre : Poetry | Other Details

मेरे जज़्बात- मेरे जज़्बात कई हैं,समझने में शायद उन्हे देर लगे अभी उसकी दुनिया नई है। गिला-सिकवा तो उम्र-भर तुझसे रहेगा। क्या शिकायत करूं मैं तेरी जमाने से,ये जमाना भी 

तो अब तेरी तरफ है। फिर से गर कभी तेरे शहर में आना हुआ तो भी इसी हाल में आऊँगा।   


 

‘मेरे जज़्बात’ ये मेरी दूसरी कविता-संग्रह है,मुझे वो दिन भी याद है जब मैंने कविता कि पहली पंक्ति लिखी थी,लेकिन तब मुझे ये मालूम नहीं था कि मैं लिखता ही चला जाऊंगा। स्कूल की चौखटों से लेकर महानगरों तक का सफर बहुत ही अनुभव देने वाला था। कभी दोस्ती,कभी दुनियादारी, सबकी समझ धीरे-धीरे आती रही। और सच बताउँ तो मैं कोई पेशेवर या खानदानी  शायर नहीं हूँ। मैं तो बस वही लिखता हूँ जो जीवन में अनुभव करता हूँ। और मैं ही नहीं जहां तक मैं जानता हूँ कि अधिकतर कवि या शायर अपने अनुभवों को ही लिखते हैं। मेरा मानना है कि जब तक कोई अनुभव नहीं करता, वह किसी विषय पर नहीं लिख सकता है।

Read More...
Paperback
Paperback 150

Inclusive of all taxes

Delivery

Item is available at

Enter pincode for exact delivery dates

Also Available On

शशि कुमार

जन्म- २८ सितंबर १९९७ 

जन्म स्थान- हवेली खड़गपुर,मुंगेर(बिहार)

शिक्षा- भागलपुर विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में  स्नातक 

जीवनी- जैसा कि उपर्युक्त वर्णित है कि जन्म बिहार के मुंगेर जिले में हुआ और प्ररम्भिक शिक्षा मध्य विद्यालय लड़ुई में हुई। साहित्यिक विषयों में इनकी अधिक रुचि के कारण पाठ्यक्रम से अधिक कहानियों एवं कविताओं को पढ़ने में रुचि लेते थे। साहित्य से गहरा लगाव होने के कारण लेखन के प्रति धीरे-धीरे रुझान बढ़ने लगा। 

रचनाएं- कसक:जो बयां है(कविता-संग्रह),

  लास्ट एक्साम (कहानी) इत्यादि।  

Read More...

Achievements